बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन बोले इंग्लैंड में भारत के लिए डेब्यू करना सपने से कम नहीं...

इंग्लैंड दौरे पर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और पांच मैचों की लंबी टेस्ट सीरीज के लिए सलामी बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन को दूसरी बार स्टैंडबाई खिलाड़ी के तौर पर चुना गया है।

Update: 2021-05-17 04:47 GMT

इंग्लैंड दौरे पर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और पांच मैचों की लंबी टेस्ट सीरीज के लिए सलामी बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन को दूसरी बार स्टैंडबाई खिलाड़ी के तौर पर चुना गया है। घरेलू क्रिकेट और इंडिया-ए के लिए 43.57 की औसत से रन बनाने वाले अभिमन्यु ईश्वरन से शुभम पांडेय ने खास बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश :

आप दूसरी बार स्टैंडबाई खिलाड़ी चुने गए हैं। क्या इंग्लैंड में पदार्पण की उम्मीद है?
इंग्लैंड दौरे पर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और पांच टेस्ट की सीरीज है। इसलिए वहां टीम इंडिया के साथ पहली बार जाने को लेकर काफी उत्साहित हूं। इस बार मुझे मौका मिल सकता है और मैं उसके लिए पूरी तरह से तैयार हूं। इंग्लैंड में पदार्पण करना किसी सपने से कम नहीं होगा।
रोहित शर्मा, शुभमन गिल, केएल राहुल और मयंक अग्रवाल जैसे ओपनर पहले से टीम में शामिल हैं। इस प्रतिस्पर्धा को कैसे देखते हैं?
पिछली बार इंग्लैंड के खिलाफ हाल में हुई घरेलू सीरीज में बतौर स्टैंडबाई खिलाड़ी काफी कुछ सीखा था। विराट कोहली, रोहित शर्मा और चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाजों को आंखों के सामने अभ्यास करते देखने से कई चीजें पता चलीं, जैसे वे भ्यास के पहले और बाद में क्या करते हैं और किस तरह की मानसिकता होती है। इसलिए टीम में कई सलामी बल्लेबाजों का होना अच्छी बात है। मैं बस अपने मौके की उम्मीद लेकर इंग्लैंड जाना चाहता हूं। सिर्फ ओपनिंग पर ही नहीं, बल्कि हर स्थान पर बल्लेबाजी के लिए तैयार हूं।

इंडिया-ए के लिए कोच राहुल द्रविड़ की देखरेख में आप इंग्लैंड और न्यूजीलैंड का दौरा कर चुके हैं, उनसे कितनी मदद मिली?
मैं काफी भाग्यशाली हूं कि मैं राहुल द्रविड़ की कोचिंग में इंडिया-ए के लिए खेला। घरेलू क्रिकेट में बंगाल की तरफ से मैं रन तो बना रहा था लेकिन लंबी पारियां नहीं खेल पा रहा था, जिसके बारे में द्रविड़ सर ने मुझे काफी कुछ सिखाया और उनकी मदद से बाद में मुझे लंबी-लंबी पारियां खेलने में मदद मिली, जिससे यहां तक का सफर तय कर पाया।
साल 2018 में इंग्लैंड दौरे पर शिखर धवन और मुरली विजय जैसे सलामी बल्लेबाज विफल रहे थे। ऐसे में इंग्लैंड में बतौर ओपनर सफलता की कुंजी क्या मानते हैं?
मैं इसी चीज पर अपने कोच अपूर्व देसाई के साथ काम कर रहा हूं। इंग्लैंड में सलामी बल्लेबाजी बड़ी चुनौती होती है, क्योंकि ड्यूक गेंद वहां की परिस्थितियों में ज्यादा स्विंग होती है। इंग्लैंड में सफलता के लिए आपकी बल्लेबाजी में अनुशासन का होना बहुत जरूरी है। जैसा मेरे कोच भी मानते हैं तो मैं इसी एक चीज पर काम करके इंग्लैंड की तैयारी कर रहा हूं


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