3 साल पहले टेस्ट मैच के दौरान हुआ था 'बॉल टेंपरिंग कांड', कैमरून बैनक्रॉफ्ट ने अब तोड़ी चुप्पी

साल 2018. केपटाउन में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट मैच इस टेस्ट के दौरान जो हुआ था

Update: 2021-05-15 08:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |    साल 2018. केपटाउन में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट मैच इस टेस्ट के दौरान जो हुआ था, उसने पूरे वर्ल्ड क्रिकेट में भूचाल ला दिया था. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को हिलाकर रख दिया था. उसकी साख को धूमिल कर दिया था ये घटना थी मैच के दौरान हुई बॉल टेंपरिंग  की, जिसे ठेठ भाषा में समझें तो बॉल के साथ छेड़-छाड़ की और इस घटना को ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ  और उप-कप्तान डेविड वॉर्नर  के इशारे और उकसावे पर अंजाम देने वाले थे, उस वक्त टीम में नए- नए आए खिलाड़ी कैमरून बैनक्रॉफ्ट  घटना को अंजाम देने के लिए तीनों खिलाड़ियों को कड़ी सजा दी गई थी स्मिथ से कप्तानी और व़ॉर्नर से उपकप्तानी छीन ली गई साथ ही दोनों को 12 महीने के लिए बैन कर दिया गया वहीं, कैमरून बैनक्रॉफ्ट को 9 महीने के लिए बैन किया गया

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज कैमरून बैनक्रॉफ्ट ने उस घटना के 3 साल बाद अब अपनी चुप्पी तोड़ी है और उसके पीछे का पूरा खेल बताया है. बैनक्रॉफ्ट ने पहले तो उस घटना में अपनी गलती मानी है. लेकिन, उसके बाद उन्होंने बड़ी बात कही. उन्होंने बताया कि मैदान पर जो कुछ चल रहा था, ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को उसके बारे में अच्छे से पता था. दरअसल, मैच के दौरान बैनक्रॉफ्ट ने अपनी पैंट में गेंद की शक्ल बदलने के लिए सैंडपेपर छिपाए थे, जिसकी तस्वीरें भी मैदान पर लगे कैमरे ने पकड़ी थी.

बॉल टेंपरिंग के बाद 2019 एशेज में मिला चांस गंवाया
बॉल टेंपरिंग की घटना के बाद बैनक्रॉफ्ट को 2019 में इंग्लैंड के खिलाफ एशेज सीरीज में वापसी करने का मौका मिला उस सीरीज के 2 मैचों में वो बस 44 रन ही बना सके. उसके बाद से वो फिर कभी टीम में अपनी जगह नहीं बना सके हालांकि बिग बैश में पर्थ स्क्रॉचर्स के लिए उनका खेलना जारी रहा
टीम में लौटने के दरवाजे मैंने खुद से बंद किए- बैनक्रॉफ्ट
बैनक्रॉफ्ट फिलहाल इंग्लैंड में चल रहे काउंटी क्रिकेट में डरहम के लिए खेल रहे हैं. टेस्ट क्रिकेट में अपने कमबैक को लेकर उन्होंने कहा कि वो उस बारे में अब ज्यादा नहीं सोच रहे. उन्होंने कहा वो एक लक्ष्य था, दरवाजा खुला था, जिसे मैंने खुद से अपने लिए बंद किया है. लेकिन, उसके बारे में सोचकर मैं मानसिक तनाव में नहीं जाना चाहता. अगर मैं अच्छा खेलता रहा, मेरे बल्ले से रन निकलते रहे तो यकीनन मेरे लिए मौके फिर से बन सकते हैं.


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