Spotrs.खेल: पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत ने सोमवार (2 सितंबर) को ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। भारतीय एथलीट्स ने एक ही दिन 8 मेडल झटके। इनमें से एक मेडल जीतने वाली एथलीट शीतल देवी भी हैं। पैरों से तीरंदाजी करने वालीं शीतल देवी ने राकेश कुमार के साथ मिश्रित टीम कंपाउंड तीरंदाजी स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। जन्म से फोकोमेलिया नामक दुर्लभ डिसऑर्डर से पीड़ित शीतल देवी बिना हाथों के प्रतिस्पर्धा करने वाली पहली और एकमात्र महिला तीरंदाज हैं। उनकी साहस और उपलब्धि को सलाम करते हुए उन्हें उद्योगपति आनंद महिंद्रा 2023 में अपनी रेंज से एक कार देना चाहते थे। शीतल ने कार लेने से मना कर दिया था।
शीतल ने कार लेने से क्यों किया था मना
आनंद महिंद्रा ने खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शीतल देवी को लेकर एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने बताया कि भारत की इस युवा पैराएथलीट को उन्होंने कस्टमाइज्ड कार देने की इच्छा जताई थी। वह इस वादे को 2025 में पूरा करेंगे। 17 साल की शीतल ने तब कार लेने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह 18 साल की होने पर कार लेंगी। वह साल 2025 में 18 साल की हो जाएंगी। आनंद महिंद्रा अपना वादा पूरा कर लेंगे।
आनंद महिंद्रा ने क्या कहा
आनंद महिंद्रा ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ” असाधारण साहस, प्रतिबद्धता और कभी हार न मानने की भावना पदकों से जुड़ी नहीं होती…शीतल देवी, आप देश और पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा की किरण हैं। लगभग एक साल पहले, आपकी अदम्य साहस को सलाम करते हुए, मैंने आपसे अनुरोध किया था कि आप हमारी रेंज की कोई भी कार स्वीकार करें और हम उसे आपके नेविगेशन के हिसाब से कस्टमाइज करेंगे। आपने सही कहा कि आप 18 साल की होने पर इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगी, जो आप अगले साल करेंगी। मैं आपसे किया गया वादा पूरा करने के लिए उत्सुक हूं…।”
छोटी-मोटी समस्याओं को लेकर कभी शिकायत नहीं करूंगा
इससे पहले आनंद महिंद्र ने शीतल देवी का ट्रेनिंग करते हुए एक वीडियो शेयर किया था। इसके साथ उन्होंने लिखा, “मैं अपने जीवन में छोटी-मोटी समस्याओं के बारे में कभी भी शिकायत नहीं करूंगा। शीतल देवी आप हम सभी के लिए एक शिक्षक हैं। कृपया हमारी रेंज से कोई भी कार चुनें और हम आपको वह कार देंगे और आपके उपयोग के लिए उसे कस्टमाइज़ करेंगे।”