अपने क्रिकेट करियर से वैसे तो पूरी तरह संतुष्ट हूँ लेकिन कुछ बातों का मलाल रह गया है: सचिन तेंदुलकर

सफलता की चाहे जितनी सीढ़ियां चढ़ ले इंसान. कामयाबी के जितने रंग देख ले

Update: 2021-05-29 12:37 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |    सफलता की चाहे जितनी सीढ़ियां चढ़ ले इंसान. कामयाबी के जितने रंग देख ले. उसकी कोई न कोई ख्वाहिश अधूरी रहती ही है. उसे किसी न किसी बात का मलाल रह ही जाता है. ठीक वैसे ही जैसे मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर  को रह गया है. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को गुडबाय बोलने के 8 साल बाद सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि वो अपने क्रिकेट करियर से वैसे तो पूरी तरह संतुष्ट हैं. लेकिन, कुछ बातों का मलाल रह गया है.

अपने करियर में 200 टेस्ट खेलने वाले बल्लेबाज ने क्रिकेट डॉट कॉम को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्हें दो चीजों का मलाल अपने करियर में रहा है. पहले मलाल के तार सुनील गावस्कर से जुड़े हैं. जबकि दूसरा मलाल विव रिचर्ड्स से संबंधित है.
मास्टर ब्लास्टर का पहला मलाल
100 इंटरनेशनल शतक जमा चुके सचिन तेंदुलकर ने अपने पहले मलाल के बारे में विस्तार से कहा कि, " मैंने सुनील गावस्कर के साथ कभी नहीं खेला और इस बात का मुझे मलाल हमेशा रहेगा. वो मेरे बैटिंग हीरो थे, जिन्हें देखते हुए मैं बड़ा हुआ था. ऐसे में उनके साथ नहीं खेलने का मलाल है." उन्होंने बताया कि गावस्कर उनके डेब्यू के 2 साल पहले ही रिटायर हो गए थे.

मास्टर ब्लास्टर का दूसरा मलाल
सचिन तेंदुलकर ने बताया कि, " उनका दूसरा मलाल विव रिचर्ड्स के खिलाफ नहीं खेलना रहा. उन्होंने कहा कि मैं भाग्यशाली रहा कि काउंटी क्रिकेट में उनके साथ खेलने का मौका मिला पर इंटरनेशनल क्रिकेट में उनके खिलाफ नहीं खेलने का मलाल रहा. वो मेरे इंटरनेशनल क्रिकेट में करीब 2 साल पूरे होने के बाद रिटायर हुए थे, फिर भी मुझे उनके खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिला था. "
2013 में छोड़ा इंटरनेशनल क्रिकेट
सचिन तेंदुलकर ने साल 2013 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था. उन्होंने अपने करियर में 200 टेस्ट मैचों में 15921 रन बनाए. वो टेस्ट और वनडे में दुनिया में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. सचिन भारत के तमाम बल्लेबाजों के रॉल मॉडल रहे हैं. लेकिन, उनके आदर्श गावस्कर और रिचर्ड्स थे.


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