Spotrs.खेल: एमएस धोनी इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना छोड़ चुके हैं, लेकिन आईपीएल में वो अभी भी खेलते हुए नजर आते हैं। हालांकि एक वक्त ऐसा भी आएगा जब वो आईपीएल में भी खेलना छोड़ देंगे, लेकिन उसके बाद वो क्या करेंगे इसके बारे में सभी जानना जरूर चाहते हैं। ऐसे में दुनिया के टॉप अंपायरों में शुमार भारत के अनिल चौधरी ने एमएस धोनी के लिए एक नया करियर विकल्प सुझाया है। अनिल चौधरी ने बताया कि धोनी को क्रिकेट छोड़ने के बाद कमेंटेटर, कोच, अपंयार में से क्या बनना चाहिए।
धोनी को बनना चाहिए अंपायर
अनिल चौधरी का मानना है कि दिग्गज भारतीय क्रिकेटर एमएस धोनी को क्रिकेट छोड़ने के बाद अंपायर बनना चाहिए। चौधरी का मानना है कि धोनी की सटीक डीआरएस कॉल करने की क्षमता उन्हें भविष्य के लिए एक बेहतरीन अंपायर उम्मीदवार बनाती है। धोनी के पास डीआरएस लेने की सटीक क्षमता है और इसके बारे में सभी जानते हैं। धोनी डीआरएस कॉल को पूरी तरह से परख लेते थे और इसकी वजह से कई करीबी निर्णय भारत या फिर उनकी आईपीएल टीम सीएसके के पक्ष में गए।
धोनी के पास है क्रिकेट का बेहतरीन ज्ञान
धोनी की डीआरएस कॉल लेने की क्षमता की वजह से ‘डिसीजन रिव्यू सिस्टम’ शब्द को कई बार ‘धोनी रिव्यू सिस्टम’ कहा जाने लगा। अंपायर अनिल चौधरी भी कई मौकों पर ऐसी घटनाओं के गवाह रहे हैं। अनिल चौधरी ने कई मैचों में अंपायरिंग की है, जब एमएस धोनी नियमित खिलाड़ी थे। अब भी आईपीएल के दौरान चौधरी उन मैचों में अंपायरिंग करते हैं, जिनमें एमएस धोनी शामिल होते हैं। यूट्यूब चैनल पर शुभंकर मिश्रा के साथ पॉडकास्ट के दौरान चौधरी ने खुलासा किया कि धोनी डीआरएस का सबसे सटीक इस्तेमाल करने वालों में से हैं और उन्हें खेल के बारे में कमाल का ज्ञान है।
कभी-कभी गलत भी होते हैं धोनी
चौधरी ने पॉडकास्ट पर कहा कि धोनी हर बार सही नहीं होते हैं कभी-कभी वो गलत भी होते रहे हैं, लेकिन ऐसा कम ही होता है और वो सटीकता के करीब हैं। क्रिकेट के बारे में उनकी समझ गजब की है। 59 वर्षीय अंपायर ने आगे बताया कि एमएस धोनी सटीकता के करीब हैं और कई बार ऐसा भी होता है, जब वह दूसरों को अपील करने से भी रोकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि धोनी भविष्य में एक अच्छे अंपायर बन सकते हैं।
ऋषभ पंत ने खुद में किया है सुधार
अनिल चौधरी ने डीआरएस के फैसले लेते समय ऋषभ पंत के सटीक विकेटकीपर बनने की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि विकेटकीपरों के पास मैदान पर सबसे अच्छी स्थिति होती है क्योंकि वे हर तरह से गेंद को देख सकते हैं। पंत के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले के मुकाबले खुद में काफी सुधार किया है और ये सब अनुभव के बारे में है। आप रिप्ले देखते हैं और फिर आपने जो कॉल लिया था उस पर विचार-विमर्श करते हैं। अंपायर भी कभी-कभी विकेटकीपर की हरकत के आधार पर अपने फैसले लेते हैं क्योंकि वे गेंद को अच्छी तरह से फॉलो करते हैं।