एक टॉवेल ने गेंदबाज की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया, आउट होने के बाद भी बल्लेबाज बचा

सबकी आंखों के सामने विकेटकीपर ने बल्लेबाज का कैच लपका. अंपायर ने भी उंगली उठाकर आउट करार दे दिया. फिर भी बल्लेबाज पवेलियन नहीं लौटा. यह मजेदार वाकया न्यूजीलैंड और आयरलैंड के बीच हुए दूसरे वनडे में देखने को मिला.

Update: 2022-07-13 05:57 GMT

सबकी आंखों के सामने विकेटकीपर ने बल्लेबाज का कैच लपका. अंपायर ने भी उंगली उठाकर आउट करार दे दिया. फिर भी बल्लेबाज पवेलियन नहीं लौटा. यह मजेदार वाकया न्यूजीलैंड और आयरलैंड के बीच हुए दूसरे वनडे में देखने को मिला. जहां गेंदबाज को एक छोटी सी गलती का खामियाजा उठाना पड़ा. आखिर ऐसा क्या हुआ कि बल्लेबाज आउट होने के बाद भी बच गया. गेंदबाज से क्या गलती हुई? आइए आपको बताते हैं.

न्यूजीलैंड के गेंदबाज ब्लेयर टिकनर आयरलैंड की पारी का 43वां ओवर फेंक रहे थे और स्ट्राइक पर सिमी सिंह थे. ब्लेयर ने अपने इस ओवर की आखिरी गेंद ऑफ स्टम्प के बाहर फेंकी. सिमी ने इस गेंद को पॉइंट की तरफ खेलने की कोशिश की. लेकिन, गेंद बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर टॉम लाथम के दस्तानों में समा गई. अंपायर ने भी सिमी को आउट करार दे दिया. लेकिन, सिमी मैदान पर खड़े रहे और अंपायर से कुछ कहने लगे. कुछ देर तक तो किसी को समझ नहीं आया कि मैदान पर क्या हो रहा है. फिर अंपायर ने उन्हें नॉट आउट करार दे दिया.

टॉवेल गिरने से बल्लेबाज को मिला जीवनदान

जब इसकी वजह सामने आई तो सभी खिलाड़ी हैरान रह गए. दरअसल, गेंद फेंकने के बाद टिकनर ने पसीना पोंछने के लिए जो टॉवेल पेंट के पीछे फंसाया था. वो नीचे गिर गया था. इसे लेकर सिमी ने अंपायर से शिकायत की और इसे डेड बॉल करार देने के लिए कहा. इसके बाद अंपायरों के बीच लंबी बातचीत हुई और ब्लेयर की इस गेंद को डेड बॉल करार दिया गया और सिमी सिंह को जीवनदान मिल गया और ब्लेयर को यह गेंद दोबारा फेंकनी पड़ी.

ब्लेयर अंपायर के फैसले से नाराज दिखे

इस पूरे विवाद के दौरान स्टम्प माइक्रोफोन में टिकनर की अंपायर से हुई बातचीत रिकॉर्ड हो गई. इसमें ब्लेयर को अंपायर से यह कहते हुए सुना गया, "मैं नियम जानता हूं, लेकिन अगर इस गेंद पर बल्लेबाज ने छक्का जड़ा होता, तो क्या इसे डेड बॉल करार दिया जाता और 6 रन कम कर दिए जाते."

नियम क्या कहता है?

क्रिकेट के नियम 20.4.2.7 में कहा गया है, "अगर स्ट्राइक पर खड़े बल्लेबाज का किसी आवाज या हरकत या फिर अन्य वजह से ध्यान भटकता है, तो फिर अंपायर डेड बॉल का सिग्नल दे सकता है. फिर चाहें बल्लेबाज का ध्यान मैदान के भीतर या बाहर की घटना से भीभंग हुआ हो."


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