मुंबई टेस्ट के लिए 2 महिलाओं को मिली ये खास जिम्मेदारी, इतिहास में पहली बार होगा ऐसा
भारत और न्यूजीलैंड के बीच शुक्रवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के दौरान दो महिला स्कोरर प्रेस बाक्स में पत्रकारों की मदद करती हुई नजर आएंगी
भारत और न्यूजीलैंड के बीच शुक्रवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के दौरान दो महिला स्कोरर प्रेस बाक्स में पत्रकारों की मदद करती हुई नजर आएंगी। दोनों टीमों के बीच इस अंतिम टेस्ट मैच के लिए जो महिला स्कोरर वानखेड़े में अपनी सेवाएं देंगी उनके नाम क्षमा साने और सुषमा सावंत हैं।
मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के एक वरिष्ठ स्कोरर ने कहा, "शायद यह पहला अवसर होगा, जब एक टेस्ट मैच के लिए दो महिला स्कोरर रखी गई हैं।" क्षमा 45 साल की हैं और नाहूर की रहने वाली हैं। उन्होंने 2010 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ की स्कोरर की परीक्षा उत्तीर्ण की थी और तब से वह आइपीएल और रणजी ट्राफी मैचों में स्कोरिंग कर रही हैं।
वहीं, सुषमा 50 साल की हैं और चेम्बूर में रहती हैं। उन्होंने 2010 में बीसीसीआइ के महिलाओं के लिए विशेष स्कोरिंग कोर्स में सफलता हासिल की थी तथा वह महिला विश्व कप 2013 में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। वह आइपीएल, बीसीसीआइ के घरेलू, जूनियर और सीनियर मैचों में स्कोरिंग कर चुकी हैं।
सौराष्ट्र की हेमाली देसाई और सेजल दवे अन्य महिला स्कोरर हैं जो पूर्व में टेस्ट मैच में स्कोरिंग कर चुकी हैं। इससे प्रतीत होता है कि सिर्फ क्रिकेट के मैदान पर क्रिकेटर के तौर पर ही नहीं, बल्कि महिलाओं को क्रिकेट के मैदान के बाहर भी क्रिकेट के खेल की जिम्मेदारी मिल रही हैं। यहां तक कि महिलाएं भी इन जिम्मेदारियों को अच्छे से निभा रही हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, महिला क्रिकेटर मैदान पर अंपायर के रूप में भी नजर आ चुकी हैं, जबकि थर्ड अंपायर की जिम्मेदारी भी महिलाओं ने संभाली हुई है। इसके अलावा सपोर्ट स्टाफ के सदस्य के तौर पर महिलाएं काफी समय से काम कर रही हैं, जबकि टी10 क्रिकेट में देखा गया है कि एक महिला टीम को पुरुष टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया है।