चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी टीम में करने जा रहे हैं बड़े बदलाव...बताया अगले मैचों का प्लान
सोमवार 19 अक्टूबर को इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन के 37वें मुकाबले में जैसे ही चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सोमवार 19 अक्टूबर को अबू धाबी के मैदान पर चेन्नई सुपर किंग्स की टीम इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल के 13वें सीजन के अपने 10वें मुकाबले में मैदान पर उतरी थी। चेन्नई सुपर किंग्स के सामने राजस्थान रॉयल्स की टीम थी। दोनों टीमों को प्लेऑफ में पहुंचने की रेस में बने रहने के लिए जीत चाहिए थी, लेकिन बाजी राजस्थान की टीम ने मारी। वहीं, चेन्नई सुपर किंग्स सात विकेट से मुकाबला हारकर अंकतालिका में सबसे नीचे चली गई। इस बीच कप्तान एमएस धौनी ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि अब वे युवा खिलाड़ियों को मौका देंगे।
आइपीएल के 2016 और 2017 के सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स बैन रही थी, लेकिन जब टीम ने 2018 में वापसी की तो सभी को लगा था कि उम्रदराज खिलाड़ियों से भरी ये टीम कुछ नहीं कर पाएगी, लेकिन टीम ने खिताब जीता था। वहीं, अगले साल 2019 में फिर से सीनियर खिलाड़ियों से सजी एमएस धौनी की कप्तानी वाली टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया था, लेकिन 2020 के सीजन में एमएस धौनी और चेन्नई सुपर किंग्स फ्रेंचाइजी का ये दांव उलटा पड़ गया और टीम एक के बाद एक मैच हारती चली गई। हालांकि, अब धौनी ने बदलाव करने का मन बनाया है।
राजस्थान के खिलाफ मिली हार के बाद कप्तान एमएस धौनी ने कहा, "हमने कुछ चीजों को अपनाने की कोशिश की। यह एक बात है जो आप नहीं करना चाहते हैं। आप किसी को ड्रॉप करना और टीम में बहुत बदलाव करना नहीं चाहते हैं, क्योंकि तीन-चार-पांच मैचों के बाद जो होता है, आप उसके बारे में निश्चित नहीं हैं। आप खिलाड़ियों को एक उचित समय देना चाहते हैं, अगर वे प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं तो आप स्विच करते हैं और किसी और के पास जाते हैं और उन्हें कुछ मौके देते हैं। असुरक्षा वह चीज है जिसे आप ड्रेसिंग रूम में नहीं रखना चाहते हैं।"
धौनी ने आगे कहा, "युवाओं के लिए कुछ मौके थे। हो सकता है कि हमने इस तरह का दमखम नहीं देखा हो कि वे हमें यह कह सकें कि ठीक है आप जानते हैं कि आप अनुभवी लोगों को ज्यादा मौके देते हैं और उनके लिए जगह बनाते हैं, लेकिन इस परिणाम ने जो किया है, उससे साफ कह सकता हूं कि अब लीग चरण के बाकी बचे चार मैचों में उन युवाओं को मौका देंगे, जो इसके हकदार हैं। उन्हें मौका मिलेगा और उन पर कोई वास्तविक दबाव नहीं होगा, ताकि वे मैदान पर जाकर खुद को अभिव्यक्त कर सकें। उनको बल्लेबाजी लाइनअप में वहीं खिलाया जाएगा, जहां वे बल्लेबाजी करना चाहते हैं, अन्य विकल्पों को भी देखने का विकल्प देंगे।"