कोरोना की चौथी लहर में आपके दांतों को खतरा, इन 6 लक्षणों को न करें नजरअंदाज
दूसरे बड़े मुल्कों में भी कोरोना की चौथी लहर जल्द दस्तक दे सकती है जिसके लिए ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट बीए.2 (Omicron BA.2) जिम्मेदार है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोविड-19 (COVID-19) की तीसरी लहर के बाद ऐसा लगा था कि ये महामारी अब खत्म हो चुकी है, लेकिन कोरोना वायरस (Coronavirus) एक बार फिर धीरे-धीरे अपना पैर पसार रहा है. यूरोप और एशिया के देशों में मामले लगातार बढ़न रहें. वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि दूसरे बड़े मुल्कों में भी कोरोना की चौथी लहर जल्द दस्तक दे सकती है जिसके लिए ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट बीए.2 (Omicron BA.2) जिम्मेदार है.
कोरोना से अपने दांतों को बचाएं
कोरोना वायरस (Coronavirus) मुख्य रूप से सांस की बीमारी है जो फेफड़े को नुकसान पहुंचाती है. इसमें तेज बुखार, खांसी और गले में खराश होती है, लेकिन अब ये वायरस शरीर के दूसरे हिस्सों में अपना कहर बरपा रहा है. हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि कोविड-19 दांतों और मसूड़ों को भी नुकसान पहुंचा रहा है जिसके लक्षण सामने आने लगे हैं, इसे 'कोविड टीथ' (COVID Teeth) का नाम दिया जा रहा है. कोरोना की चौथी लहर से पहले इन लक्षणों को समझना आपके लिए बेहद जरूरी है
कोविड का दांतों से रिश्ता
एक रिसर्च में पाया गया है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के लक्षण और डेंटल हेल्थ के बीच गहरा रिश्ता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि कोविड-19 दांतों की सेहत पर असर डाल सकता है. कोरोना से पीड़ित 75 फीसदी मरीजों में दांतों की परेशानी देखने को मिली है.
क्या दांतों के जरिए मिलेगा कोरोना का इशारा?
कोरोना वायरस (Coronavirus) के लक्षणों पर हुई 54 स्टडी की एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि इस गंभीर बीमारी के टॉप 12 लक्षणों में मुंह से जुड़े संकेत नहीं थे. इनमें बुखार (81.2 फीसदी), खांसी (58.5 फीसदी) और थकान (38.5 फीसदी) सबसे कॉमन साइन थे.
दांतों से जुड़े कोरोना की वॉर्निंग साइन
कोरोना वायरस (Coronavirus) के कुछ लक्षण मुंह में तब देखाई देते हैं जब इस वायरस का असर डेंटल हेल्थ पर पड़ता है. ऐसे संकेतों को बिलकुल नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर को दिखाते हुए कोविड-19 टेस्ट कराएं.
1. मसूड़ों में दर्द
2. जबड़े या दांत में दर्द
3. मसूड़ों में खून का थक्का जमना
4. बुखार
5. खांसी
6. थकान
'कोविड टीथ' का क्या है इलाज
दांतों या मसूंड़ों का दर्द किसी को भी परेशान कर सकता है, जिससे दिनचर्या पूरी तरह प्रभावित हो जाती है. ऐसे में जरूरी है कि वक्त रहते इसका इलाज करा लें. दर्द कम करने के लिए एसिटामिनोफेन के बजाए 400 मिलीग्राम इबुप्रोफेन लेना ज्यादा असरदार हो सकता है. हालांकि कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के न लें.