क्या यूएफओ के राज सुलझा पाएगा नासा? अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने बनाया टास्क फोर्स
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि कर दी है, कि वो एलियंस की तलाश करने के लिए आधिकारिक तौर पर सर्च मिशन की शुरूआत कर रहा है। नासा की तरफ से पुष्टि की गई है, कि बार बार यूएफओ दिखने की कई घटनाओं के बाद आधिकारिक तौर पर एलियंस खोजने के मिशन में शामिल हो रहा है।
बार-बार यूएफओ दिखने की घटनाएं
दरअसल, इस महीने अमेरिकी संसद में 54 वर्षों में पहली बार 'अनआइडेंटिफाइड एरियल फेनोमेना' (यूएपी) पर पहली सार्वजनिक कांग्रेस की सुनवाई के बाद यूएफओ और एलियंस की खोज को लेकर कई सवाल उठे। वहीं, संसद में सुनवाई के दौरान पता चला, कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर रखा है, जिसका काम अज्ञात हवाई घटनाओं पर नजर रखना है, जिसे आम तौर पर यूएपी या यूएफओ के रूप में जाना जाता है। इस टास्क फोर्स का काम पुरानी और नई रिपोर्ट्स के आधार पर यूएफओ पर रिसर्च करना है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, नासा नई जांच टीम ने टास्क फोर्स की मदद करने के लिए अपनी कोशिशें तेज करने का फैसला लिया है।
नासा की तरफ से बयान
नासा के एक प्रवक्ता ने पुष्टि करते हुए कहा कि, 'हम इस बात का मूल्यांकन कर रहे हैं कि, यूएफओ की समझ में विस्तार लाने के लिए हम अपनी अंतरिक्ष आधारित जानकारियों का विस्तार कैसे कर करें और स्पेशल टास्क को हम ज्यादा से ज्यादा मदद कैसे प्रधान करें।' नासा ने कहा है कि, हमने इसके लिए कई सरकारी संस्थाओं के साथ परामर्श किया है। वहीं, नासा एक सूत्र ने डेली मेल को बताया कि, नासा का काम रक्षा विभाग के यूएपी टास्क फोर्स की मदद करना होगा। नासा के सूत्र ने बताया कि, 'ये एक तरह का वर्किंग ग्रुप बनने जा रहा है, जो डिफेंस मिनिस्ट्री के द्वारा बनाए गये स्पेशल टास्क फोर्स की मदद करेगा।'
यूएफओ के राज सुलझा पाएगा नासा?
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, नासा के सूत्र ने बताया कि, 'ये हमारी एक सामूहिक कोशिश होगी, जिसके तहत हम उन चश्मदीदों से बात करेंगें, जिन्होंने सबसे पहले यूएफओ को देखा था और फिर हम नासा के खगोलविदों से बात करेंगे, इसके साथ ही हम अलग अलग घटनाओं के वक्त के पुराने वीडियो की गहनता से जांच करेंगे और अगर किसी भी तरह की कुछ भी नई जानकारी मिलती है, तो हम स्पेशल टास्क फोर्स के साथ शेयर करेंगे।' आपको बता दें कि, इस स्पेशल टास्क फोर्स का नाम एयरबोर्न ऑब्जेक्ट आइडेंटिफिकेशन एंड मैनेजमेंट सिंक्रोनाइजेशन ग्रुप रखा गया है, जो अमेरिकी डिफेंस मिनिस्ट्री को डायरेक्ट रिपोर्ट करेगी।
स्पेशल टास्क फोर्स की मांगें
सूत्र ने खुलासा किया है कि, पेंटागन की यूएफओ टीम पहले ही नासा के कुछ अंतरिक्ष मिशनों पर शटल कैमरों से लिए गये फुटेज को शेयर करने का अनुरोध कर चुकी है। वहीं, नासा के यूएपी जांच से परिचित स्रोत ने कहा कि, 'नासा के अंतरिक्ष यात्रियों और नासा मिशनों से जुड़ी कई कथित घटनाएं हुई हैं जिनमें यूएपी शामिल है।" उन्होंने बताया कि, "इसे अनदेखा करने के बजाय, मुझे लगता है कि नासा वास्तव में इस विषय को आगे बढ़ाकर सही काम कर रहा है।"
न्यूयॉर्क टाइम्स की जर्नलिस्ट का बड़ा दावा
वहीं, अमेरिकी कांग्रेस में यूएफओ को लेकर जो बैठक की गई है, इस बैठक को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स की वरिष्ठ पत्रकार लेस्ली कीन ने सवाल खड़े किए हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की वरिष्ठ पत्रकार लेस्ली कीन साइंस रिपोर्टर हैं और उनके रिपोर्ट काफी रिसर्च भरे होते हैं। लेस्ली कीन ने मार्टिन विलिस के साथ पॉडकास्ट यूएफओ विषय पर एक कार्यक्रम किया है। ये कार्यक्रम अमेरिकी कांग्रेस की बैठक के कुछ ही दिनों के बाद किया गया है। इस कार्यक्रम में लेस्ली कीन ने अमेरकी कांग्रेस की सुनवाई पर सवाल खड़े किए हैं और उन्होंने कहा है कि, कुछ जानकारी को सार्वजनिक करने से रोक दिया गया है।
अमेरिका के पास यूएफओ के मलबे
कार्यक्रम के दौरान होस्ट ने जब लेस्ली कीन से पूछा कि क्या कांग्रेस की बहस के दौरान समिति ने दावा किया था, कि यूएफओ की दुर्घटना से संबंधित किसी सामग्री की कोई पुनर्प्राप्ति नहीं हुई थी? तो लेस्ली कीन ने कहा कि, 'उन्होंने किया'। लेस्ली मे कहा कि, उन्होंने कहा कि, 'हमारे कब्जे में नहीं, टास्क फोर्स के कब्जे में नहीं'। ठीक है, हां, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि यदि ये चीजें मौजूद हैं तो वे टास्क फोर्स के कार्यालय में नहीं रखे गये हैं। उन्हें एक सीक्रेट प्रोग्राम के तहत छिपाकर रखा गया है'। लेस्ली ने कहा कि, "इसका मतलब यह नहीं है, कि हमारे पास यूएफओ के मलबे नहीं है, इसका मतलब है कि टास्क फोर्स के पास यह नहीं है।"
सवालों के घेरे में टास्क फोर्स
न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकार लेस्ली कीन ने स्वीकार किया है, कि टास्क फोर्स का अस्तित्ल हाल के समय तक नहीं था और अज्ञात एरियल फेनोमेना टास्क फोर्स की घोषणा 2020 में की गई थी, और उन्होंने दावा किया कि, यह उनकी जानकारी की कमी का कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि, "अगर हमारे पास कोई पुनर्प्राप्त शिल्प, पुनर्प्राप्त मलबा या जो कुछ भी है, तो हमारे पास टास्क फोर्स के गठन से ज्यादा वक्त से है, इसीलिए इसे किसी और प्रोग्राम के तहत कहीं और छिपाकर रखा गया है'। उन्होंने कहा कि, "अगर यह मौजूद है, और मुझे विश्वास है कि यह मौजूद है, तो मेरा मानना है कि हमारी सरकार के पास कुछ भौतिक सबूत हैं'।