उपवास क्‍यों है जरूरी, वैज्ञानिकों ने बताए इसके फायदे

उपवास की महत्ता भारतीय समाज सदियों से जानता और समझता है। हमारे ऋषियों मुनियों से लेकर आज के विज्ञानी भी हिदायतों के साथ इसके लाभ से इन्कार नहीं करते। इस बीच, चूहों में किए गए एक अध्ययन में बताया गया है

Update: 2022-06-29 03:35 GMT

उपवास की महत्ता भारतीय समाज सदियों से जानता और समझता है। हमारे ऋषियों मुनियों से लेकर आज के विज्ञानी भी हिदायतों के साथ इसके लाभ से इन्कार नहीं करते। इस बीच, चूहों में किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि नियमित उपवास आंत के बैक्टीरिया की गतिविधि को बदलने में मदद करता है और तंत्रिका क्षति से उबरने की उनकी क्षमता को बढ़ाता है।

मेटाबोलाइट का उत्पादन बढ़ा

इंपीरियल कालेज लंदन के शोधकर्ताओं ने देखा कि कैसे उपवास के कारण आंत के बैक्टीरिया ने 3-इंडोलप्रोपियोनिक एसिड (आइपीए) के रूप में जाना जाने वाला मेटाबोलाइट का उत्पादन बढ़ा दिया, जो तंत्रिका कोशिकाओं के सिरों पर एक्सान-फाइबर जैसी संरचनाओं को पुनर्उत्पन्न करने के लिए आवश्यक है, ये शरीर की अन्य कोशिकाओं को विद्युत-रासायनिक संकेत भेजते हैं।

नेचर जर्नल में प्रकाशित हुआ शोध

टीम का कहना है कि क्लोस्ट्रीडियम स्पोरोजेनेसिस नाम का बैक्टीरिया जो आइपीए पैदा करता है वह मनुष्यों के साथ-साथ चूहों में भी स्वाभाविक रूप से पाया जाता है, इसके साथ ही आइपीए इंसान के खून में भी मौजूद होता है। यह अध्ययन नेचर जर्नल में हाल ही में प्रकाशित हुआ है।

तंत्रिका क्षति वाले लोगों के लिए लाभकारी

समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययकर्ता, इंपीरियल्स डिपार्टमेंट आफ ब्रिटेन साइंसेस के प्रोफेसर सिमोन डि जियोवानी ने बताया कि सर्जिकल पुनर्निर्माण के अलावा तंत्रिका क्षति वाले लोगों के लिए वर्तमान में कोई इलाज नहीं है, जो केवल कुछ ही मामलों में प्रभावी है।

नसों को ठीक करने में मददगार

यह हमें यह जांचने के लिए प्रेरित करता है कि क्या जीवनशैली में बदलाव से हमें मदद सकती है। उन्होंने बताया कि नियमित उपवास को पहले भी अध्ययन में घाव की मरम्मत और नए न्यूरांस के विकास से जोड़ा गया, लेकिन हमारा अध्ययन यह समझाने वाला पहला है कि उपवास नसों को ठीक करने में कैसे मदद कर सकता है।


Tags:    

Similar News

-->