आज ही के दिन 8 फरवरी, 1969 को दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण उल्का पिंड बौछार को रिकॉर्ड किया गया, जब अल्लेंड उल्का पिंड (Allende Meteorite) मेक्सिको (Mexico) के चिहुआहुआन (Chihuahuan) राज्य के प्यूब्लिटो डे अल्लेंड (Pueblito de Allende) गांव में टकराया. इस दौरान आसमान रोशनी से नहा लिया, क्योंकि इतनी बड़ी मात्रा में उल्का पिंड के छोटे-छोटे टुकड़े जमीन की ओर बढ़ रहे थे. इसे देखने वाले लोगों ने बताया कि पूरा आसमान चमकीला हो गया था. धीरे-धीरे उल्का पिंड की खबर दुनिया के हर हिस्से में पहुंचने लगी. पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में उल्का पिंड के टुकड़े धरती से टकराए थे. लोगों के बीच जिज्ञासा और हैरत दोनों ही थी कि इतने बड़े उल्का पिंड के टकराने के बाद भी मानव सभ्यता का अंत नहीं हुआ है.
उल्का पिंड का सबसे बड़ा टुकड़ा 110 किलोग्राम का था
उल्का पिंड टकराने की खबर पड़ोसी मुल्क अमेरिका (America) में भी पहुंची. इसके बाद स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूट (Smithsonian Institute) के वैज्ञानिक ब्रायन एच मेसन (Brian H. Mason) और रॉय एस क्लार्क जूनियर (Roy S. Clarke Jr.) मेक्सिको (Mexico) के इस गांव में पहुंचे. यहां पहुंचकर उन्होंने स्थानीय बच्चों की मदद से उल्का पिंड (Meteorite) के टुकड़ों को जमा करना शुरू कर दिया. दोनों ने बच्चों की मदद से इस उल्का पिंड के करीब दो टन टुकड़ों को जमा किया. इसमें एक ग्राम के टुकड़े से लेकर सबसे बड़ा 110 किलोग्राम का टुकड़ा भी था. वैज्ञानिकों की पैरलल (Parral) क्षेत्र में खनन का काम कर रही ASARCO (अमेरिकन स्मेल्टिंग एंड रिफाइनिंग कंपनी) मेक्सिकाना ने भी मदद की.
कैसे हुआ सौरमंडल का निर्माण, इसे समझने में मिली मदद
उल्का पिंड (Meteorite) के इन टुकड़ों का कई इंस्टीट्यूशन और लैब में अध्ययन किया गया, जिसमें अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (American Space Agency NASA) भी शामिल थी. दरअसल, अपोलो 11 मिशन (Apollo 11 Mission) से पहले नासा (Nasa) इस तरह की चीजों पर अध्ययन करना चाहती थी, ताकि उसे चांद (Moon) के बारे में भी अधिक चीजें पता चल सके. स्मिथसोनियन में, नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री (National Museum of Natural History) और स्मिथसोनियन एस्ट्रोफिजिकल ऑब्जर्वेटरी (Smithsonian Astrophysical Observatory) दोनों के वैज्ञानिक इस उल्का पिंड की जांच में जुट गए. जांच के दौरान उन्होंने पाया कि अल्लेंड उल्का पिंड (Allende meteorite) में कैल्शियम-एल्युमिनियम का मिश्रण था, जो हमारे सौरमंडल (solar system) के कुछ पहले सोलिड मैटर को प्रदर्शित करता था. नतीजतन, उल्कापिंड शुरुआती सौरमंडल के बनने का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों के लिए एक कीमती स्रोत बना.
अल्लेंड उल्का पिंड में मिले मिनिरल्स 4.5 अरब साल पुराने
अल्लेंड उल्का पिंड (Allende Meteorite) वैज्ञानिक क्षेत्रों के विकास के काफी मददगार रहा है. इस उल्का पिंड के अध्ययन के परिणामस्वरूप उल्का पिंड पृथ्वी विज्ञान का एक अभिन्न अंग बन गए हैं और साथ ही इसने कॉस्मो-कैमेस्ट्री विज्ञान (Cosmo-Chemistry Science) को जन्म दिया है. अल्लेंड उल्का पिंड को अक्सर इतिहास में सबसे अच्छा अध्ययन किया जाने वाला उल्का पिंड कहा जाता है. अल्लेंड उल्का पिंड में जिन मिनिरल्स को पाया गया, जो करीब 4.5 अरब साल पुराने थे. ये हमारे सौरमंडल (Solar System) में मिले अब तक के सबसे पुराने मिनिरल्स (Minerals) थे. इस कारण ही हमें सौर मंडल के बारे में अधिक जानकारी मिल पाई. इस उल्का पिंड की उम्र की वजह से ही अब सौर मंडल (Solar System) की उम्र को नापा जाता है.