अगर चंद्रमा नहीं हो तो पृथ्वी का क्या होगा?
पृथ्वी (Earth) से तीन लाख 84 हजार किलोमीटर की दूरी पर हमारा चंद्रमा (Moon) स्थित है
पृथ्वी (Earth) से तीन लाख 84 हजार किलोमीटर की दूरी पर हमारा चंद्रमा (Moon) स्थित है. धरती पर रात के अंधकार में रोशनी देने वाला हमारा चांद बेहद ही खूबसूरत दिखाई देता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर चंद्रमा नहीं होता तो धरती का क्या होता? चलिए इस सवाल का जवाब ढूंढ़ा जाए...
चांद के बाद आसमान में अगर कोई दूसरी सबसे चमकदार वस्तु है तो वो है शुक्र ग्रह (Venus). लेकिन शुक्र ग्रह चांद जितना आसमान को चमकदार नहीं बना सकता है. एक पूर्ण चंद्रमा चमकीले शुक्र की तुलना में लगभग दो हजार गुना अधिक चमकीला होता है. ऐसे में चांद के नहीं होने पर हमारी रातें अंधकारमय होंगी.
चंद्रमा के बिना पृथ्वी पर एक दिन केवल छह से बारह घंटे ही होगा. इस तरह एक साल में एक हजार से ज्यादा दिन हो सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से पृथ्वी का घूमना समय के साथ धीमा हो जाता है. इस वजह से दिन 24 घंटे का होता है. लेकिन अगर चांद का गुरुत्वाकर्षण बल नहीं होगा तो पृथ्वी तेजी से घूमेंगी और दिन तेजी से बीत जाएगा.
बिना चांद वाली पृथ्वी पर समुद्री ज्वार का आकार बदल जाएगा. चांद के बिना समुद्री ज्वार वर्तमान स्थिति की तुलना में एक-तिहाई ही ऊंचे हो पाएंगे. उच्च ज्वार वर्तमान की तुलना में बहुत छोटे होंगे और छोटे ज्वार और भी कम हो जाएंगे. ऐसा इसलिए है क्योंकि सूर्य ज्वार को प्रभावित करेगा, लेकिन सूर्य का गुरुत्वाकर्ण बल कमजोर है. इस वजह से ज्वार छोटा हो जाएगा.
चांद के नहीं होने की वजह से हमें चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा. चंद्रमा की अनुपस्थिति में सूरज को ब्लॉक करने वाली कोई वस्तु नहीं होगी, इस वजह से सूर्य ग्रहण नहीं होगा. जबकि बिना चांद के चंद्र ग्रहण हो ही नहीं सकता है.
चंद्रमा के बिना हमारी पृथ्वी की धुरी का झुकाव समय के साथ बदलता रहेगा. इस वजह से पृथ्वी पर खतरनाक मौसम देखने को मिलेगा. वर्तमान में चांद की वजह से हमारी पृथ्वी 23.5 डिग्री पर झुकी हुई है. लेकिन चंद्रमा के बिना पृथ्वी बहुत दूर तक झुक सकती है या शायद झुकी ही रह सकती है. इस वजह से पृथ्वी पर हवा की रफ्तार में बढ़ोतरी होते हुए देखा जा सकता है. इसके अलावा, अजीबोगरीब मौसम भी देखने को मिल सकता है.