इस साल धरती ने झेली जलवायु परिवर्तन की भयानक मार
जलवायु परिवर्तन की भयानक मार
जलवायु परिवर्तन (Climate Change) ने इस साल प्रतिकूल मौसम के साथ पृथ्वी (Earth) को नया आकार दिया है. जलवायु परिवर्तन का प्रभाव यह रहा कि आग भड़क गई, नदियों में बाढ़ आ गई, बर्फ पिघल गई, सूखा पड़ा, तूफान आये, तापमान चढ़ गया और इन सब प्रतिकूल परिस्थितियों में लोग मारे गये.
वैज्ञानिकों और सरकारी अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2021 में जलवायु परिवर्तन के कारण चरम मौसम के जरिये पृथ्वी गृह पर जीवन को नया रूप मिला. जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने के लिए प्रयासों में तेजी लाने की कोशिश करने के संबंध में दुनिया के नेता स्कॉटलैंड (Scotland) में इकट्ठा हो रहे हैं.
बेल्जियम, जर्मनी, चीन और टेनेसी में भीषण बाढ़ आई है. अमेरिका, यूनान और यहां तक कि आर्कटिक के कुछ हिस्सों में भयानक आग लगने की घटनाएं सामने आई. गर्म हवाओं के कारण उत्तर-पश्चिम में तापमान बढ़ गया और यहां तक कि पोर्टलैंड, ओरेगॉन में यह 116 डिग्री फारेनहाइट (47 डिग्री सेल्सियस) तक पहुंच गया.
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के महासचिव एंतोनियो गुतारेस (Antonio Guterres) ने कहा, 'ये घटनाएं मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के बिना असंभव होतीं.' उन्होंने दुनियाभर के मुल्कों से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए साथ आने की गुजारिश की है.
'नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन' के अनुसार अमेरिका में इस साल प्रतिकूल मौसम या जलवायु से संबंधित 18 आपदाएं हुई हैं, जिसमें एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है. आपदा की उन 18 घटनाओं में 538 लोगों की मौत हुई. 1980 के दशक में, वर्ष में औसतन केवल तीन ऐसी आपदाएं देखी गईं थी.
वैश्विक जोखिम मॉडलिंग फर्म एआईआर वर्ल्डवाइड की एक रिपोर्ट का अनुमान है कि अब दुनियाभर में हर साल खराब मौसम की वजह से 320 अरब डॉलर का नुकसान होता है. इसमें से केवल एक तिहाई ही बीमाकृत हैं. 1970 की तुलना में अब हमारे पास रिकॉर्ड की गई मौसमी आपदाओं की संख्या पांच गुना है.