ये जीव पैरासाइट से बचने के लिए कलम करता है अपना सिर, वैज्ञानिकों ने खोजी इसकी कोई दो प्रजातियां
वैज्ञानिकों ने खोजी इसकी कोई दो प्रजातियां
जापान के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे जीव का दो प्रजातियां खोजी हैं, जो अपना सिर शरीर से अलग कर देते हैं. बाद में अगले एक महीने में उसी कटे सिर के नीचे वह नया शरीर और नए अंग बना लेता है. यानी सिर्फ सिर पुराना रहता है...बाकी शरीर पूरा का पूरा नया. आखिरकार ये दोनों जीव ऐसा करते क्यों हैं. असल में ये एक अंदरूनी पैरासाइट के हमले से बीमार होकर मरने से बेहतर इस तरीके को समझते हैं. इससे पैरासाइट का खतरा खत्म हो जाता है, कुछ दिन में फिर से ये नए शरीर के साथ समुद्र में गोते लगाते रहते हैं. (फोटोः करेंट बायोलॉजी)
इस जीव को आम भाषा में समुद्री घोंघा कहते हैं. वैसे वैज्ञानिकों ने इन्हें नए नाम दिए हैं. पहला एलिसिया मार्जिनाटा (Elysia Merginata) और दूसरा एलिसिया एट्रोविर्डिस (Elysia Atroviridis). यह खोज हाल ही में करेंट बायोलॉजी नाम के जर्नल में प्रकाशित हुई है. जिसमें इन दोनों जीवों के बारे में हैरान करने वाली बातें लिखी गई हैं. आइए जानते हैं कि जापान के वैज्ञानिक सायाका मितोह और योइची यूसा ने इन जीवों की स्टडी में क्या नतीजा निकाला. (फोटोः करेंट बायोलॉजी)
अपने शरीर के किसी अंग को अलग करने की प्रक्रिया को वैज्ञानिक भाषा में ऑटोटोमी (Autotomy) कहते हैं. यह बेहद सामान्य प्रक्रिया है आर्थ्रोपोड्स, गैस्ट्रोपोड्स, एस्टेरॉयड्स, उभयचर और छिपकलियों में. आमतौर पर ऑटोटोमी में शरीर के अन्य हिस्सों को अलग करके फिर से विकसित करने की कला कई जीवों में होती है. लेकिन जापान के दोनों वैज्ञानिकों ने एलिसिया मार्जिनाटा (Elysia Merginata) और एलिसिया एट्रोविर्डिस (Elysia Atroviridis) की खोज की जो अपना सिर ही अलग कर देते हैं. जो काफी हैरान करने वाली बात है. (फोटोः करेंट बायोलॉजी)
ये अपना सिर अलग करके धड़ को छोड़ देते हैं. उस धड़ में दिल के साथ-साथ अन्य जरूरी अंग भी होते हैं. ये दोनों जीव सैकोग्लोसन सी स्लग (Sacoglossan Sea Slug) हैं. ये दोनों इतने अजूबे जीव हैं कि ये समुद्री पौधों और एल्गी (Algae) से क्लोरोप्लास्ट (Chloroplasts) जमा कर लेते हैं. इसके बाद ये फोटोसिथेंसिस करते हैं. यानी जिस प्रक्रिया से पौधे अपना खाना बनाते हैं उसी तरीके से ये खुद को ऊर्जा देते हैं. इस प्रक्रिया को क्लेप्टोप्लास्टी (Kleptoplasty) कहते हैं. (फोटोः करेंट बायोलॉजी)
जापानी वैज्ञानिक सायाका मितोह और योइची यूसा ने एलिसिया मार्जिनाटा (Elysia Merginata) और एलिसिया एट्रोविर्डिस (Elysia Atroviridis) दोनों को लैब में रखा. इस जीव पर पैरासाइट का हमला न करवा कर इन वैज्ञानिकों ने गर्दन पर नायलॉन का धागा लपेट दिया. इससे घोंघे को लगा कि यह खतरा है. उसने तुरंत अपने सिर को धड़ से अलग करने की प्रक्रिया शुरु कर दी. युवा घोंघे इस काम को तेजी से करते हैं, जबकि बुजुर्ग घोंघे इस काम के दौरान कई बार मारे भी जाते हैं. (फोटोः करेंट बायोलॉजी)
एलिसिया मार्जिनाटा (Elysia Merginata) और एलिसिया एट्रोविर्डिस (Elysia Atroviridis) की गर्दनों पर एक धारीनुमा गड्ढा बना होता है. जो सिर्फ इसी काम के लिए आता है कि जब जरूरत पड़े, वह अपना सिर उसी धारी वाली जगह से अलग कर ले. आमतौर पर एक ही दिन में ये जीव अपना सिर अलग कर लेते हैं. धड़ को पीछे छोड़ देते हैं. धड़ में दिल, किडनी, आंतें और शरीर के अन्य अंग मौजूद रहते हैं. (फोटोः करेंट बायोलॉजी)
एलिसिया मार्जिनाटा और एलिसिया एट्रोविर्डिस को लगता है कि अगर उनपर हमला होने वाला है. या उनके सिर में कुछ चुभ रहा है. या फिर वो बीमार होने वाले हैं या फिर उनपर पैरासाइट का हमला होने वाला है, ऐसे में वो अपने सिर को अलग कर लेते हैं. फिर करीब 10 दिन के अंदर इनके शरीर और अन्य अंग विकसित होने लगते हैं. महीने भर में यह पूरी तरह विकसित हो जाते हैं. (फोटोः करेंट बायोलॉजी)
सबसे बड़ी हैरानी की बात ये है कि धड़ से अलग सिर तीन दिन के अंदर वापस से अपने शरीर का अन्य हिस्सा बनाना शुरु कर देता है. उसके सिर उस हिस्से से अंग बनना शुरु होता है जहां से पहले उसका धड़ जुड़ा हुआ था. दस दिन पूरा होते-होते इसके वयस्क शरीर का छोटा रूप दिखने लगता है. यह पानी में अपने सिर के दोनों सूंड़ हिलाते हुए तैरने लगता है. (फोटोः करेंट बायोलॉजी)
दोनों जापानी वैज्ञानिकों ने बताया कि शिकार होने की स्थिति ये अपना सिर अलग करने विफल होते हैं. क्योंकि इन्हें अपना सिर अलग करने के लिए पूरे एक दिन का समय चाहिए होता है. आमतौर पर यह तब करते हैं जब इनके सिर के अलावा शरीर के किसी अन्य हिस्से में किसी तरह की विकृति या बीमारी या पैरासाइट का आक्रमण होता है. क्योंकि किसी भी पैरासाइट या बीमारी या विकृति को विकसित होने में समय लगता है. तब तक इन्हें अपना शरीर छोड़ने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है. (फोटोः करेंट बायोलॉजी)
एलिसिया मार्जिनाटा (Elysia Merginata) और एलिसिया एट्रोविर्डिस (Elysia Atroviridis) जब यह काम करते हैं, तब पैरासाइट को सिर्फ धड़ का हिस्सा मिलता है. वह उसे नष्ट कर देता है लेकिन सिर अलग होने की वजह से बच जाता है. जिसके बाद ये वापस अपने शरीर को विकसित कर लेते हैं. नया शरीर ठीक पुराने की तरह होता है. स्वस्थ और मजबूत. सिर को अलग करने की इनकी प्रक्रिया इनके जीवनकाल में कई बार भी हो सकती है. क्योंकि ये जहां धड़ छोड़ते हैं, वहां से पैरासाइट वापस इनके शरीर में आ सकता है. (फोटोः करेंट बायोलॉजी)
दोनों जापानी वैज्ञानिकों ने बताया कि यह शारीरिक क्षमता केचुंओं की कुछ प्रजाति में पाया जाता है. लेकिन एलिसिया मार्जिनाटा