सौर मंडल के बाहर मौजूद हैं 5000 एक्सोप्लैनेट, NASA की सबसे बड़ी खोज
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वॉशिंगटन : स्पेस को लेकर एक सवाल हम सभी के दिमाग में उठता है- क्या ब्रह्मांड में हम अकेले हैं? वैज्ञानिकों ने ऐसे ग्रहों की खोज की है जो सूर्य के चक्कर लगाते हैं और अरबों किमी की दूरी पर स्थित है। ये ग्रह मिलकर हमारे सौर मंडल का निर्माण करते हैं। लेकिन अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इस खगोलीय सीमा से बाहर जाकर नए ग्रहों की खोज की है और पुष्टि की है कि अंतरिक्ष की गहराई में 5000 से अधिक ग्रह मौजूद हैं जिनकी खोज होना अभी बाकी है।
नासा ने अंतरिक्ष की खोज में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। 65 नए ग्रहों की खोज के साथ नासा ने हमारे सौर मंडल से बाहर तारों के चक्कर लगाते कुल 5000 से अधिक खगोलीय पिंडों की मौजूदगी की पुष्टि की है। नासा एक्सोप्लैनेट अर्काइव ने अध्ययन के लिए 65 नए ग्रहों की खोज की, जिन पर पानी, सूक्ष्मजीव, गैसें या संभवतः जीवन मौजूद हो सकता है।
नासा ने कहा कि हर ग्रह अपने आप में एक नई दुनिया है, एक नया 'ग्रह' है। खोजे गए 5000 एक्सोप्लैनेट संरचना और विशेषताओं के आधार पर अलग-अलग कैटेगरी के हैं। इनमें पृथ्वी जैसे छोटे और चट्टानी ग्रह भी शामिल हैं, बृहस्पति से कई गुना बड़े गैसीय ग्रह भी हैं और अपने तारों की बेहद करीब से परिक्रमा करते बेहद गर्म ग्रह भी शामिल हैं। इनमें 'सुपर-अर्थ' जैसे ग्रह भी हैं जो हमारी पृथ्वी से कई गुना बड़े और चट्टानी हैं और 'मिनी-नेप्च्यून्स' भी हैं जो हमारे सौर-मंडल के नेप्च्यून से भी छोटे हैं।
सवाल यह है कि 'क्या हम अकेले हैं?', जवाब है- हां, क्योंकि दुनियाभर के खगोलविदों का मानना है कि निकट भविष्य में इस बात की प्रबल संभावना है कि हमें अंतरिक्ष की गहराइयों में 'जीवन' जैसा कुछ मिल सकता है क्योंकि जीवन की खोज के लिए उम्मीदवार ग्रहों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लेकिन अभी तक इन नए ग्रहों का गूढ़ अध्ययन नहीं हो पाया है। जेम्स वेब जैसे स्पेस टेलिस्कोप और विज्ञान की बढ़ती क्षमता इस खोज में सबसे अहम किरदार निभा रही है।