वाशिंगटन: यूएफओ (Unidentified flying object- UFO) इंसानों के लिए हमेशा से ही आश्चर्य का विषय रहे हैं. इसपर बहस भी होती रही है कि ये होते हैं या नहीं. अब नासा (NASA) ने यूएफओ पर काम करने का मन बना लिया है. अमेरिकी सरकार इस मुद्दे को अब गंभीरता से ले रही है और इसलिए UFO के बारे में ज्यादा जानने के लिए नासा, वैज्ञानिकों की एक टीम बना रहा है.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि उनका फोकस, यूएफओ के उपलब्ध डेटा, भविष्य में डेटा को इकट्ठा करने के तरीकों और उस जानकारी की मदद से इस विषय को गंभीरता से समझने पर होगा. नासा ने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोफिजिक्स विभाग के हेड रह चुके डेविड स्परगेल (David Spergel) और नासा के साइंस मिशन डाइरेक्टोरेट के वरिष्ठ शोधकर्ता डैनियल इवांस (Daniel Evans) को वैज्ञानिकों की टीम का नेतृत्व करने और शोध की जिम्मेदारी दी है.
डैनियल इवांस का कहना है कि वैज्ञानिकों को टीम को इसके नतीजे की रिपोर्ट देने में करीब नौ महीने का समय लगेगा. नासा इस प्रॉजेक्ट पर एक लाख डॉलर के कुछ कम ही खर्च करगा.
नासा ने यह घोषणा अमेरिकी सरकार द्वारा एक रिपोर्ट जारी करने के एक साल बाद की है. इस रिपोर्ट को यूएस नेवी के नेतृत्व वाली टास्क फोर्स और नेशनल इंटेलिजेंस निदेशक के कार्यालय ने मिलकर तैयार किया था. इस रिपोर्ट में ज्यादातर नेवी के अफसरों ने यूएफओ या यूएपी के बारे में बताया है. पेंटागन के दो अधिकारियों ने 17 मई को अमेरिकी संसद में यूएफओ पर सुनवाई की गई थी, जिसमें बताया गया था कि सेना के पास अब तक कथित यूएफओ देखे जाने की 400 से ज्यादा रिपोर्ट हैं.
अमेरिकी अधिकारियों ने UAPs (Unidentified Aerial Phenomenon) को राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताया है, जिसका नासा ने भी समर्थन किया है. नासा ने हाल ही में कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यूएपी मूल रूप से दूसरी दुनिया से आते हैं.