स्टडी में खुलासा- शराब पीने से युवाओं को सबसे ज्यादा खतरा
शराब शरीर के लिए नुकसानदायक है, ये हम सभी जानते हैं। लेकिन एक नई स्टडी में इसे पीने वालों की उम्र से जुड़ा खुलासा हुआ है। इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने कहा है कि युवाओं को शराब पीने से वृद्धों की अपेक्षा ज्यादा नुकसान है। उन्हें ज्यादा जोखिम का सामना करना पड़ सकता है। ये स्टडी ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित की गई है।
शराब शरीर के लिए नुकसानदायक है, ये हम सभी जानते हैं। लेकिन एक नई स्टडी में इसे पीने वालों की उम्र से जुड़ा खुलासा हुआ है। इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने कहा है कि युवाओं को शराब पीने से वृद्धों की अपेक्षा ज्यादा नुकसान है। उन्हें ज्यादा जोखिम का सामना करना पड़ सकता है। ये स्टडी ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित की गई है। इस अध्ययन में भौगोलिक क्षेत्र, आयु, लिंग और वर्ष के आधार पर एल्कोहल को लेकर रिपोर्ट दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 15-39 वर्ष की आयु वाले पुरुषों के लिए शराब की सख्त गाइडलाइन होनी चाहिए, क्योंकि दुनिया भर में शराब का सबसे बड़ा जोखिम इन्हें है।
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शोधकर्ताओं के मुताबिक 40 या उससे ज्यादा की उम्र के सिर्फ स्वस्थ पुरुष अगर शराब को नशे की जगह मेडिकल इस्तेमाल में लाएं तो उनमें कार्डियोवैस्कुलर बीमारी, स्ट्रोक और डॉयबिटीज का जोखिम कुछ कम हो सकता है। 2020 में 204 देशों में लिए गए आंकड़ों के मुताबिक ये निष्कर्ष निकला है कि 1.34 अरब लोग हानिकारक मात्रा में शराब पीते हैं।
सबसे ज्यादा नुकसान 15-39 की उम्र को
शोध में कहा गया है कि दुनिया भर के हर रीजन में 15-39 आयुवर्ग के पुरुष हानिकारक मात्रा में शराब पीते हैं। इससे उन्हें कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं मिलता है, हां नुकसान जरूर है। पेपर में कहा गया है कि 60 फीसदी शराब से संबंधित चोटों के साथ कई स्वास्थ्य जोखिम दिखाई देते हैं। इसी आयुवर्ग के लोग ज्यादातर शराब पीने के बाद एक्सीडेंट, आत्महत्या और हत्या में शामिल होते हैं। शोध की वरिष्ठ लेखक इमैनुएला गाकिडौ का कहना है कि हमारा सीधा संदेश है कि युवाओं को शराब नहीं पीना चाहिए।
युवाओं को निर्णय लेना है
यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के मेडिकल स्कूल की प्रोफेसर इमैनुएला गाकिडौ आगे कहती हैं, 'यह सोचना गलत होगा कि हमारी रिसर्च से युवा शराब पीना बंद कर देगा। हालांकि हमारा काम है कि हम लेटेस्ट रिसर्च और सबूत दुनिया के सामने रखें, जिससे युवा अपने स्वास्थ्य के बारे में सही निर्णय ले सके।'