अध्ययन में खुलासा: मां के दूध में नहीं मिले कोरोना टीके के अंश, स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित
छोटे स्तर पर किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि मां के दूध में कोरोना टीकों के अंश नहीं मिले।
छोटे स्तर पर किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि मां के दूध में कोरोना टीकों के अंश नहीं मिले। इससे संकेत मिलता है कि एमआरएनए आधारित टीके स्तनपान कराने वाली महिलाओं और उनके बच्चों के लिए सुरक्षित हैं। फाइजर और मॉडर्ना के टीकों की खुराक ले चुकी महिलाओं पर यह अध्ययन किया गया।
शोध पत्रिका जेएएमए पीडीऐट्रिक्स में प्रकाशित अध्ययन में स्तनपान कराने वाली महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। साथ टीका लेने के बाद बच्चों को दूध पिलाना रोकने संबंधी चिंताओं को दूर किया गया। अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रांसिस्को (यूएससीएफ) के शोधकर्ताओं ने फाइजर और मॉडर्ना के एमआरएनए आधारित टीके लेने के बाद सात महिलाओं के दूध का विश्लेषण किया और इसमें टीके की खुराक का कोई अंश नहीं मिला।
शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्तनपान कराने वाली महिलाओं का टीकाकरण कराए जाने की सिफारिश की है। एकेडमी ऑफ ब्रेस्टफीडिंग मेडिसीन के मुताबिक स्तन के उत्तकों या दूध में टीके के अंश पहुंचने की संभावना बहुत कम है।
यूसीएसएफ के एक सहायक प्रोफेसर ने कहा कि यह परिणाम मौजूदा सिफारिशों को मजबूती देता है कि एमआरएनए आधारित टीके स्तनपान कराने वाली महिलाओं और उनके बच्चों के लिए सुरक्षित हैं तथा महिलाओं को अपने बच्चों को स्तनपान कराना बंद नहीं करना चाहिए। शोध के अग्रणी लेखक यार्डन गोलन ने कहा कि दूध के किसी भी नमूने में टीके के अंश नहीं मिले। यह अध्ययन दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच किया गया।