स्पेस एजेंसी का खुलासा, पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड से आ रही कुछ ऐसी आवाज, कमजोर दिल वाले ना सुनें AUDIO

Update: 2022-11-01 08:43 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

कोपनहेगन: पृथ्वी पर जो भी प्रकृतिक चीजें हैं, बेहद खूबसूरत हैं. जहां नदियों के बहते पानी की आवाज हमारे कानों को अच्छी लगती है, घास के मैदान में फैली शांति हमें सुकून देती है, वहीं पृथ्वी के अंदर से आने वाली आवाजें शायद इतनी खूबसूरत नहीं हैं.
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency -ESA) ने हाल ही में 5 मिनट का बेहद डरावना ऑडियो जारी किया है. ये पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की आवाज है, जिसे सुनकर आप डर सकते हैं. आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र इस तरह की आवाज़ निकाल सकता है.
ये 5 मिनट का ऑडियो है जिसमें भयानक क्रेक और कर्कश आवाजें हैं. इतना ही नहीं, इसमें गहरी सांस लेने जैसी आवाज़ें भी शामिल हैं. इन्हें सुनकर शायद आपको अपने कानों पर यकीन न हो. नीचे दिए गए वीडियो में आप पृथ्वी के अंदर से आने वाली आवाजों को सुन सकते हैं.
नासा (NASA) के मुताबिक, पृथ्वी की आंतरिक चुंबकीय क्षमता या मेग्नेटिज़्म (Magnetism) को मैग्नेटोस्फीयर (Magnetosphere) कहा जाता है. यह पृथ्वी की सतह के चारों ओर एक कॉमेट के आकार का क्षेत्र बनाता है जो हानिकारक सोलर और कॉस्मिक कणों के रेडिएशन से पृथ्वी को सुरक्षित रखता है. साथ ही, सौर हवाओं से वातावरण को नुकसान पहुंचने से बचाता है.
डेनमार्क के टेक्निकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का सर्वे करने के लिए ईएसए के स्वार्म सैटेलाइट मिशन (Swarm satellite mission) द्वारा मापे गए मैगनेटिक सिगनलों को साउंड में बदल दिया.
इन आवाजों का पता 24 अक्टूबर को लगा था. इसके बाद, डेनमार्क के कोपेनहेगन में सोलबजर्ग स्क्वायर पर लाउडस्पीकर लगाए गए , जिसमें इन रिकॉर्डिंग को दिन में तीन बार प्रसारित किया गया. 30 अक्टूबर तक ये आवाजें लोगों को सुनवाई गईं.
डेनमार्क की टेक्निकल यूनिवर्सिटी में संगीतकार और प्रोजेक्ट सपोर्टर क्लॉस नीलसन (Klaus Nielsen) ने ESA को लाइव इंस्टॉलेशन के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि हमने कोपेनहेगन में सोलबजर्ग स्क्वायर में जमीन में 30 से ज्यादा लाउडस्पीकर वाला शानदार साउंड सिस्टम लगाया. पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की आवाज गड़गड़ाहट जैसी है, जो एक भू-चुंबकीय तूफान (geomagnetic storm) की तरह लगती है जो 3 नवंबर 2011 के सोलर फ्लेयर से उत्पन्न हुआ था. ये बहुत डरावना लगता है.
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