सौर तूफान की घटना इंटरनेट सेवाओं के लिए खौफनाक, जानें कारण

सूर्य पृथ्वी पर भले ही जीवन दाता माना जाता है

Update: 2021-09-04 13:37 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| सूर्य (Sun) पृथ्वी (Earth) पर भले ही जीवन दाता माना जाता है, लेकिन उसके पास जाना इंसान के लिए संभव ही नहीं हैं. सूर्य से पृथ्वी तक आने वाली किरणें ही हमारे जीवन को प्रभावित नहीं करतीं बल्कि वहां पर होने वाली घटनाएं भी ऐसे बदलाव लाती हैं जो पूरे सौरमंडल को प्रभावित करने की क्षमता रखती हैं. इन्हीं में से सौर तूफान (Solar Strom) की घटना भी है जिन्हें पृथ्वी के लिए बहुत ही नुकसानदायक माना जाता है. वैसे तो हमारी पृथ्वी की मैग्नेटिक फिल्ड सौर तूफान और अन्य सौर गतिविधियों से हमारी रक्षा करती है, लेकिन सौर तूफान फिर भी पृथ्वी को ऐसे प्रभावित करता है जिससे हमारे इंटरनेट सेवाओं पर भी असर होने की संभावना जताई जाती है.


हमारा सूर्य (Sun) बहुत सी बहुत ही ज्यादा गर्म गैसों से बना है जिन्हें प्लाज्मा (Plasma) कहा जाता है जो सूर्य की क्रोड़ के आसपास होते हैं. कई बार सूर्य की सतह पर ही ऐसे व्यवधान पैदा होता है जिससे ऐसी घटनाएं होती हैं जो सूर्य की बाहरी परत, जिसे हेलियोस्फिर कहते हैं, पर विशाल ऊर्जा का महा प्रस्फोट करती हैं. यह ऊर्जा पूरे सौरमंडल में फैल जाती है. हेलियोस्फियर से निकलने वाली विशाल ऊर्जा को ही सौर तूफान (Solar Strom) कहते हैं. कई तूफान तो हमें पृथ्वी पर नुकसान नहीं पहुंचाते, लेकिन कुछ बहुत विनाशकारी साबित हो सकते हैं. 


सौर तूफान (Solar Strom) जैसे घटनाएं हमेशा नहीं होती हैं. इनका होना ऊर्जा के प्रस्फुटन पर निर्भर करता है जो सूर्य की सतह पर कई गतिविधियो के जरिए हो सकता है. इनमें से सबसे ज्यादा होने वाली घटना है सौर ज्वाला (Solar Flare) जो ऊर्जा का अचानक होने वाला निर्वासन है. यह सूर्य के धब्बों के पास उसकी ही मैग्नटिक फील्ड की अंतरक्रियाओं से पैदा होती है. इन ज्वालाओं के बाद कोरोनल मास इजेक्शन इवेंट (coronal mass ejection event, CME) की घटना होती है जिसमें भारी आयनीकृत कणों का प्रस्फोट होता है जो प्रकाश की गति से सूर्य से बाहर चारों ओर फैल जाते हैं.


CME घटनाएं हमारे लिए बहुत महत्व रखती हैं क्योंकि इसके आयनीकृत कण हमारी पृथ्वी को घेरे कृत्रिम उपग्रहों (Artificial Satellite) को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं. ये हमारे संचार व्यवस्था को खत्म कर सकते हैं जो आज हमारे जीवन का प्रमुख हिस्सा बन चुके हैं. लेकिन सौर तूफान बहुत कम होने वाली घटना है और ये बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं. पिछली बार यह तूफान साल 1989 में आया था और अब यह 2021 में आ रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के इरवीन एंड एमवेयर रिसर्च में संगीता अब्दु ज्योति की स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक सौर तूफान (Solar Storm) इंटरनेट और संचार तंत्र के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है. अपने शोध में संगीता ने बताया कि सूर्य की सतह (Solar Surface) पर होने वाली घटनाओं को पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. ना ही हर जगह पर इसका एक सा असर होगा. इसके प्रभाव का काफी कुछ क्षेत्र के भूगोल पर निर्भर करता है इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका होगा तो सबसे कम नुकसान एशिया को होने की संभावना है. 


आज के समय के तंत्रो में परंपरागत विद्युत वाले तारों की जगह फाइबर ऑप्टिक्स (Fiber optics)का उपयोग होने लगा है. इसका फायदा यह होगा कि सौर तूफान (Solar Strom) से बहुत से स्थानीय इंटरनेट तंत्र या अप्रभावित रहेंगे या फिर वे दूसरे तरीकों या विकल्पों के जरिए इंटरनेट (Internet) से जोड़ दिए जाएंगे. शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि संरचना में सटीक नुकसान या ब्लैकआउट की तादात का आंकलन करना मुश्किल है, लेकिन दुनिया भर में एक तगड़े संपर्क तंत्र की बहुत जरूरत है जो इस तरह की घटना को झेल सके.


इंटरनेट की तारों पर होगा. CME की वजह से पृथ्वी के मैग्नेटिक फील्ड में विविधता आएगी जिससे पृथ्वी की संवाही सतह (Conducting Surface) पर भूविद्युतीय फील्ड (Geoelectric Field) का प्रेरण हो जाएगा. इस वजह से जो बिजली पैदा होगी वह हमारे विद्युत उपकरणों को खराब कर सकती है. ऐसे तूफान, तारें (Cable), पनडुब्बी से जुड़ी लंबी दूरी की तारें , सैटेलाइट और दूसरी चीजों पर असर होगा. संगीता के इस शोध के मुताबिक सौर तूफान का इतनी ताकत होती है कि यह अगले दशक तक विनाशकारी प्रभाव दिखा सकता है. 


Tags:    

Similar News

-->