वैज्ञानिकों ने किया खुलासा, स्पेस स्टेशन पर बैक्टीरिया; ESA कर रही ये बड़ा काम

Update: 2022-06-02 11:47 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इंटरनेश्नल स्पेस स्टेशन (International Space Station) पर सिर्फ इंसान ही नहीं, बैक्टीरिया (Bacteria) भी रहते हैं. बैक्टीरिया जो पृथ्वी पर हर जगह हैं, वे अब अंतरिक्ष में भी बस गए हैं. यह ISS और वहां रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों, दोनों के लिए खतरा बन गए हैं. इसलिए ESA और Instituto Italiano di Tecnologia (IIT) के शोधकर्ताओं को लगता है कि ISS की सतह को रोगाणुरोधी बनाकर इस समस्या से निजात मिल सकती है.

ISS पर कई तरह के मैटीरियल हैं और हर मैटीरियल के अलग फिज़िकल और कैमिकल गुण हैं. वैज्ञानिक पहले से जानते हैं कि अंतरिक्ष स्टेशन पर बैक्टीरिया और फंगी की दर्जनों प्रजातियां रहती हैं. इनमें से कुछ मनुष्यों के लिए खतरनाक हैं, जैसे स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus), जिससे श्वसन संक्रमण हो सकता है.
स्पेसक्राफ्ट की सतहों पर बैक्टीरिया जमा हैं (Photo: NASA)
इस समस्या का एक ही हल है, वह है सफाई. लेकिन अंतरिक्ष यात्रियों के पास सफाई के अलावा करने के लिए और भी काम हैं, इसलिए वे इस समस्या के समाधान के लिए एक सिस्टम बना रहे हैं ताकि उन्हें सफाई न करनी पड़े.
यह सिस्टम 'Optimization of Photo-catalytic Antibacterial coatings' या PATINA से जुड़ा है और ESA के ओपन स्पेस इनोवेशन फोरम इसे फंड दे रहा है. इंजीनियर एंटीमाइक्रोबियल मैटीरियल बना रहे हैं. ये एंटीमाइक्रोबियल कोटिंग, टाइटेनियम डाइऑक्साइड (Titanium Dioxide) पर आधारित हैं. टाइटेनियम डाइऑक्साइड वह मैटीरियल होता है, जो प्रकाश के संपर्क में आने पर, जल वाष्प को फ्री ऑक्सीजन रेडिकल्स में तोड़ देता है, जो सतह पर आने वाली किसी भी चीज़ जैसे बैक्टीरिया और फंगी को नष्ट कर देती है.
टाइटेनियम डाइऑक्साइड के कोई साइड इफैक्ट नहीं हैं. टीम ने कई अलग-अलग तरह की सतहों पर इसे सफलतापूर्वक कोट भी किया है.


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