वैज्ञानिकों ने बताया कैसे होगी पहले से अधिक मशरूम उत्पादन
इस दौरान बताया गया कि मशरूम उत्पादन से कैसे पहले के मुकाबले अधिक कमाई हो सकती है
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविधालय हिसार (HAU) के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान द्वारा मशरूम की खेती (Mushroom Farming) एवं उत्पादन तकनीक पर ऑनलाइन व्यावसायिक प्रशिक्षण आयोजित किया गया. इसमें हरियाणा, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान एवं पंजाब के लोगों ने हिस्सा लिया. इस बात की जानकारी संस्थान के सह निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने दी है. इस दौरान बताया गया कि मशरूम उत्पादन से कैसे पहले के मुकाबले अधिक कमाई हो सकती है.
गोदारा ने बताया कि संस्थान की ओर से अक्टूबर माह में फिर से ऑनलाइन (Online) और ऑफलाइन दोनों तरीके से प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे. मशरूम एक संतुलित आहार है, जिसमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज, लवण, अमीनो एसिड इत्यादि प्रचुर मात्र में पाए जाते हैं. इसमें कई तरह के औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं जो शरीर में होने वाले कई रोगों जैसे ज्यादा रक्तचाप, शुगर, कैंसर, दिल के रोगों इत्यादि से शरीर की रक्षा करने में सहायक होते हैं.
हरियाणा में कितना उत्पादन
प्रशिक्षण के आयोजक डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि हरियाणा प्रदेश मशरूम उत्पादन (Mushroom Production) में अग्रणी प्रदेशों में शामिल है. यहां प्रतिवर्ष लगभग 20000 टन सफेद बटन खुम्ब का उत्पादन होता है. लगभग 50 प्रतिशत उत्पादन छोटे किसान सर्दी के मौसम मे कच्चे शैड या छप्पर बनाकर करते हैं. किसान और बेरोजगार युवक-युवतियां इसे रोजगार के रूप मे अपना सकते हैं. सफेद बटन मशरूम की खाद लगभग 28-30 दिन में तैयार होती है और एक शरद ऋतु में दो बार खुम्ब का उत्पादन किया जा सकता है.
मशरूम से कैसे होगी ज्यादा कमाई
एमएचयू, करनाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुरेन्द्र ने मशरूम से मूल्य संवर्धित उत्पादों जैसे मशरूम का आचार, बिस्कुट, मुरब्बा, पापड़, वडियां, चटनी इत्यादि को तैयार करने की विधि पर प्रकाश डाला. डॉ. राकेश चुघ ने ढींगरी खुंबी और कीड़ा जड़ी खुंबी को उगाने कि विधि बताई. डॉ. संदीप भाकर ने मशरूम उत्पादन व्यवसाय शुरू करने के लिए हरियाणा सरकार की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला.
बटन मशरूम उगाने की दी जानकारी
जबकि डॉ. निर्मल कुमार ने सफेद बटन मशरूम उगाने संबंधी विस्तृत जानकारी दी. डॉ. डीके शर्मा ने मशरूम फार्म स्थापित करने को लेकर मशीनों जैसे टर्नर, खाद और स्पान मिला कर बैग भरने की मशीन, वातानुकूलित कमरों में प्रयोग होने वाली मशीनों आदि के बारे मे विस्तार से चर्चा की. डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने मशरूम की खेती में नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े जैसे सियारिड मक्खी, फोरिड मक्खी इत्यादि के प्रबंधन के बारे में बताया.
डॉ. मनमोहन ने भी मशरूम में आने वाले रोगों को लेकर चर्चा की. डॉ. जगदीप ने केसिंग मिश्रण तैयार करने की विधि, इसका निर्जीवीकर्ण इत्यादि विधियों पर प्रकाश डाला. प्रगतिशील किसान विकास ने ढींगरी खुंब उगाने को लेकर अपने अनुभव प्रशिक्षणार्थियों के साथ सांझा किए.