वैज्ञानिकों को मिला विलुप्त हो चुकी कछुए की प्रजाति, रिसर्च में सभी रह गए हैरान

अगर अधिक फर्नांडा कछुए हैं, तो आबादी को बढ़ाने के लिए एक प्रजनन कार्यक्रम शुरू हो सकता है.

Update: 2022-06-13 02:06 GMT

साइंटिस्टों का कहना है कि विशाल कछुए (Giant Turtle) की एक दुर्लभ प्रजाति, जिसे माना जाता था कि वह एक सदी से भी अधिक समय पहले विलुप्त हो गए थे, वास्तव में ऐसा नहीं है. जेनेटिक रिसर्च से पता चला है कि 3 साल पहले गैलापागोस द्वीप (Galapagos Islands) समूह में से एक पर एक फीमेल कछुए का लिया गया नमूना, 1906 में लिए गए विलुप्त कछुए के नमूने से मेल खाता है.

1906 के नमूने से किया गया मैच
'इंडिपेंडेंट' की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे संकेत मिले हैं कि प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) में एक प्राचीन वन्यजीव निवास स्थान फर्नांडीना द्वीप (Fernandina Islands) पर उसी प्रजाति के अन्य कछुए भी हो सकते हैं. साइंटिस्टों ने 1906 के नमूने के जीनोम का अनुक्रम किया, जिसे चेलोनोइडिस फैंटास्टिकस (Chelonoidis fantasticus) के रूप में जाना जाता है. इसके तहत 2019 में मिली मादा कछुआ, जिसे फर्नांडा नाम दिया गया है, उसकी तुलना गैलापागोस विशाल कछुओं की सभी जीवित प्रजातियों से की.
दोनों एक ही प्रजाति के सदस्य
कम्युनिकेशंस बायोलॉजी में प्रकाशित निष्कर्षों के अनुसार, उन्होंने पाया कि दोनों के नमूने आपस में मेल भी खा रहे थे और अलग भी थे. न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ नेचुरल एंडएनवायरनमेंटल साइंसेज में रिसर्च प्रमुख डॉ. एवलिन जेन्सेन ने कहा कि फर्नांडीना द्वीप पर केवल दो कछुए पाए गए हैं. हमने देखा कि दोनों वास्तव में एक ही प्रजाति के सदस्य हैं और अन्य गैलापागोस कछुओं से अलग.
विलुप्त नहीं है प्रजाति
उन्होंने कहा कि यह वास्तव में एक रोमांचक खोज है कि ये प्रजाति वास्तव में विलुप्त नहीं है, अभी जीवित हैं. फर्नांडीना द्वीप गैलापागोस द्वीप समूह के पश्चिमी हिस्से में एक सक्रिय ज्वालामुखी है, जिसे चार्ल्स डार्विन (Charles Darwin) ने 1835 में देखा था.
50 साल की है दुर्लभ मादा कछुवा
रिसर्च में इस्तेमाल किए गए मेल कछुए के नमूने को 1906 में कैलिफोर्निया एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा एक अभियान के दौरान एक्सप्लोरर रोलो बेक द्वारा एकत्र किया गया था. शोधकर्ताओं का मानना ​​​​है कि फर्नांडा, जो लावा प्रवाह से कटे हुए एक अलग वनस्पति पैच में पायी गई थी, लगभग 50 वर्ष की है और उसे विकास में कमी का सामना करना पड़ा है. उसे अब गैलापागोस नेशनल पार्क (Galapagos National Park) कछुआ केंद्र में रखा जा रहा है.
प्रजनन कार्यक्रम किया जा सकता है शुरू
डॉ. जेन्सेन ने कहा कि अन्य अभियानों में द्वीप पर रहने वाले कम से कम दो या तीन और कछुओं के संकेत मिले, जिससे उम्मीद है कि फर्नांडा अपनी तरह का आखिरी नहीं हो सकती है. हमें उम्मीद है कि फर्नांडा अपनी प्रजाति का 'अंत' नहीं है. अगर अधिक फर्नांडा कछुए हैं, तो आबादी को बढ़ाने के लिए एक प्रजनन कार्यक्रम शुरू हो सकता है.


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