वैज्ञानिकों को मिली हजारों साल पुरानी सांप जैसी 'रहस्यमयी' छड़ी

वैज्ञानिकों को मिली हजारों साल पुरानी सांप जैसी ‘रहस्यमयी’ छड़ी

Update: 2021-06-29 18:42 GMT

फिनलैंड में पुरातत्वविदों ने एक जटिल नक्काशीदार लकड़ी की छड़ी की खोज की है जिसका इस्तेमाल पाषाण काल में तांत्रिकों द्वारा अनुष्ठान में किया जाता था. आधा मीटर से लंबी पूरी तरह से संरक्षित लकड़ी की छड़ी एक सांप की नक्काशी है, जिसका आकार रेंगते हुए सांप की तरह है. यह खोज एंटीक्विटी पत्रिका में प्रकाशित की गई है.

यह फिनलैंड के दक्षिण-पश्चिम में एक आर्द्रभूमि साइट जरवेनसुओ 1 में पाई गई थी, जिस पर 4000 ईसा पूर्व और 2000 ईसा पूर्व के बीच कब्जा कर लिया गया था और यह उस वक्त उत्तरी यूरोप में पाए जाने वाली किसी भी दूसरी लकड़ी के कलाकृति से अलग है. पुरातत्वविदों का कहना है कि छड़ी 4,400 साल पुरानी है, जिसका अर्थ है कि यह नवपाषाण काल ​​​​की है.
छड़ी देखकर चौंक गए वैज्ञानिक
तुर्कू विश्वविद्यालय में अध्ययन लेखक डॉ सतु कोइविस्टो ने कहा कि यह नक्काशीदार प्राकृतिक आकार की सांप की मूर्ति लंबे समय से शानदार और सोचने पर मजबूर कर देने वाली है. उन्होंने कहा कि मैंने आर्द्रभूमि पुरातत्वविद के रूप में अपने करियर में कई असाधारण चीजें देखी हैं लेकिन इस मूर्ति की खोज ने मुझे पूरी तरह से अवाक कर दिया और मैं इसे देखकर कांप गया.
हेलसिंकी विश्वविद्यालय के सह-लेखक डॉ अंत्ती लाहेल्मा ने कहा कि सांपों और इंसानों के बीच एक निश्चित संबंध प्रतीत होता है. उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक काल की झांड़-फूंक को याद दिलाता है, जहां तात्रिक के सहायक के रूप में सांपों की विशेष भूमिका थी. 1950 के दशक के दौरान खाई खोदने वालों द्वारा अचानक जारवेनसुओ 1 की खोज की गई थी, लेकिन पूरी तरह से खुदाई नहीं की गई थी.
जलवायु परिवर्तन से प्राचीन खजाने खतरे में
पुरातत्वविद 2019 से साइट का पता लगाने के लिए काम कर रहे हैं. पुरातत्वविदों के अनुसार इससे पता चलता है कि जारवेनसुओ 1 न केवल सांप की मूर्ति से जुड़े विचित्र अनुष्ठानों का स्थल था बल्कि यहां कई व्यवहारिक गतिविधियां भी होती थीं. डॉ कोइविस्टो ने कहा कि छड़ी की खोज प्रचीन लोगों और उस जगह के बारे में हमारी समझ को और बेहतर करने में मदद कर सकती है, जहां लोगों ने सांसारिक और पवित्र दोनों गतिविधियों को अंजाम दिया. जारवेनसुओ 1 और कई अन्य ऐतिहासिक खजानों से भरे स्थल स्थानीय पर्यावरण में परिवर्तनों और जलवायु परिवर्तन से चलते खतरे में हैं.


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