डेल्टा प्लस से मौत के बाद जांच में जुटे वैज्ञानिक
मुंबई में डेल्टा प्लस वैरिएंट के चलते एक महिला मरीज की मौत हुई है
मुंबई में डेल्टा प्लस वैरिएंट के चलते एक महिला मरीज की मौत हुई है, जिसके चलते वैज्ञानिकों की टीम जांच में जुट गई है। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) के वैज्ञानिकों ने मरीज के परिवार और घर के आसपास करीब पांच किमी के दायरे में जांच व सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू कर दी है।
साथ ही वैज्ञानिकों का कहना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के समाज में फैलने के पर्याप्त सबूत नहीं है लेकिन इन गंभीर वैरिएंट को नजरदांज भी नहीं किया जा सकता है।
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ प्रज्ञा यादव ने बताया कि डेल्टा प्लस के तहत पांच वैरिएंट हैं। जिस महिला की संक्रमण से मौत हुई है, उनमें वाई 1 वैरिएंट मिला था। इनके परिवार में भी कुछ सदस्यों में यह वैरिएंट मिल चुका है।
दोनों खुराक लेने के बाद भी डेल्टा खतरनाक
डेल्टा के वैरिएंट दोनों खुराक लेने के बाद भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। इसलिए लोगों को टीकाकरण के बाद भी सर्तकता अपनाने की सलाह दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि अब तक चिकित्सीय अध्ययनों में यह स्पष्ट हो चुका है कि कोविशील्ड और कोवाक्सिन दोनों ही वैक्सीन डेल्टा पर असरदार हैं लेकिन इन वैरिएंट के चलते एंटीबॉडी भी कम होती हैं जिससे व्यक्ति के दोबारा या टीकाकरण के बाद संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है।
डॉ. यादव ने कहा कि अभी स्थिति काफी नियंत्रण में है। मुंबई में कुछ मामले आए हैं जिन्हें लेकर जांच चल रही है लेकिन लोगों से यही अपील है कि कोविड सतर्कता नियमों का पालन करें।