वैज्ञानिकों ने खोजी 'एक्सपेरिमेंटल' दवाई, तेजी से घटाती है कोरोना वायरस का स्तर

वैज्ञानिकों ने पाया है एक एक्सपेरिमेंटल ‘एंटीवायरल’ दवाई कोविड-19 के उन मरीजों के ठीक होने की रफ्तार बढ़ा सकती है

Update: 2021-02-08 14:03 GMT

वैज्ञानिकों ने पाया है एक एक्सपेरिमेंटल 'एंटीवायरल' दवाई (Experimental Medicine) कोविड-19 के उन मरीजों के ठीक होने की रफ्तार बढ़ा सकती है जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है. इससे कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित लोगों के बेहतर इलाज में मदद मिल सकती है. 'लांसेट रेस्पेरटरी मेडिसिन' नाम के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि जिन मरीजों को 'पेजइंटरफरॉन-लाम्बडा' नाम की दवा का एक इंजेक्शन (Injection) दिया गया, उनमें उस एक समूह की तुलना में सात दिन के अंदर संक्रमण को खत्म करने की चार गुना अधिक संभावना है, जिसका इलाज 'प्लेस्बो' से किया गया है.


स्टडी के सह लेखक और कनाडा में Toronto Centre for Liver Disease के जॉर्डन फेल्ड ने कहा कि इस इलाज में बड़ी चिकित्सीय क्षमता है. खासतौर पर तब जब वायरस के नए स्वरूप दुनियाभर में तेजी से फैल रहे हैं जिनपर टीकों और एंटीबॉडी से किए जाने वाले इलाज का कम असर होता है. शोधार्थियों के मुताबिक, जिन लोगों को एक्सपेरिमेंटल दवाई दी गई, उनके शरीर में जल्दी ही वायरस खत्म हो गया. यह उन मरीजों में अधिक देखा गया जिनमें वायरल का स्तर उच्च था.
तेजी से घटाती है वायरस का स्तर
फेल्ड ने बताया कि उन्होंने इस समूह में सांस संबंधी लक्षणों में तेजी से सुधार देखा. उच्च वायरल स्तर वाले मरीजों को यह दवाई दी गई तो उनमें 'प्लेस्बो' लेने वाले मरीजों की तुलना में संक्रमण से मुक्त होने की संभावना अधिक थी. यह दवाई लेने वाले मरीजों में यह संभावना 79 फीसदी थी जबकि 'प्लेस्बो' वाले समूह में 38 प्रतिशत थी.

रिसर्चर्स ने बताया कि जिस समूह को यह दवाई दी गई, उनमें वायरस का स्तर तेजी से कम हुआ. उन्होंने बताया कि शरीर में वायरस के तेजी से खत्म होने के कई फायदे हैं. खासकर उच्च वायरल स्तर वाले मरीजों में, क्योंकि वायरस के कारण कई गंभीर बीमारियों का खतरा होता है. साथ में अन्य में संक्रमण के फैलाव का भी उच्च जोखिम होता है. रिसर्चर्स ने बताया कि अध्ययन में 60 लोगों को शामिल किया गया था जिनमें से पांच को श्वास संबंधी लक्षणों की स्थिति खराब वजह होने की वजह से इमरजेंसी रूम में ले जाया गया.
तीसरे चरण के ट्रायल की उम्मीद
उन्होंने बताया कि पांच में से चार 'प्लेस्बो' वाले समूह के मरीज थे जबकि एक्सपेरिमेंटल दवाई लेने वाला एक मरीज था. फ्लेड ने कहा कि अगर हम वायरस के स्तर को तेजी से कम कर सकें तो लोगों द्वारा अन्य में संक्रमण का प्रसार करने की संभावना कम होगी. उन्होंने आने वाले भविष्य में दवाई का तीसरे चरण का ट्रायल करने और बड़ी आबादी पर दवाई की प्रभावकारिता का पता लगाने की उम्मीद जताई.


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