जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जब से इंसानों ने तारों को देखना शुरू किया है, सबसे बड़ा सवाल यह है कि ब्रह्मांड कितना बड़ा है. यह एडविन हबल थे, जिन्होंने 1920 के दशक में दुनिया को बताया था कि ब्रह्मांड स्थिर नहीं है. इसका लगातार विस्तार हो रहा है. उनकी खोज के लगभग एक सदी बाद उनके नाम पर रखे गए हबल स्पेस टेलीस्कोप ने एक नई भविष्यवाणी की है, जिसके अनुसार अगले 10 अरब साल में ब्रह्मांड का आकार दोगुना हो जाएगा. (फोटो आभार NASA)
नवीनतम भविष्यवाणी को सबसे सटीक कहा जा रहा है. खगोलविदों ने विस्तार दर को केवल 1 प्रतिशत से अधिक की सटीकता तक सीमित कर दिया है. तीन दशकों के सावधानीपूर्वक अवलोकन और डेटा एकत्र करने के बाद खगोलविदों की कई टीमों द्वारा विश्लेषण के बाद यह भविष्यवाणी की गई है. (फोटो आभार NASA)
नासा के हबल स्पेस टेलीस्कॉप से ली गई इन 36 छवियों में वे आकाशगंगाएं हैं जो सेफिड वेरिएवल और सुपरनोवा के लिए हैं. ये दो खगोलीय घटनाएं खगोलविदों द्वारा खगोलीय दूरी निर्धारित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण उपकरण हैं.
एडविन हबल ने अपनी खोज में पाया था कि हमारी आकाशगंगा स्थिर नहीं है. उन्होंने कहा था कि मिल्की वे के बाहर कई आकाशगंगाएं हैं, और वह हमसे दूर जारी हुई प्रतीत होती है. उन्होंने अपनी खोज में अंतरिक्ष के विस्तार दर को निकाला था, जिसे 'हबल स्थिरांक' कहा जाता है. खगोलविद इसे माप की एक इकाई के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जो यह बताता है कि बिग बैंग के बाद ब्रह्मांड और बड़ा हो रहा है. (फोटो आभार NASA)
जब 1990 में हबल स्पेस टेलीस्कोप लॉन्च किया गया था तब ब्रह्मांड की विस्तार दर के बारे में वैज्ञानिक अनिश्चित थे. खगोलविदों का अनुमान था कि इसकी आयु केवल 8 बिलियन वर्ष या 20 बिलियन वर्ष जितनी बड़ी हो सकती है. हबल वास्तव में जो देखता है, उससे ब्रह्मांड की विस्तार दर धीमी होने की भविष्यवाणी की गई थी. (फोटो आभार NASA)
नासा के हबल स्पेस टेलीस्कॉप से ली गई इन 36 छवियों में वे आकाशगंगाएं हैं जो सेफिड वेरिएवल और सुपरनोवा के लिए हैं. ये दो खगोलीय घटनाएं खगोलविदों द्वारा खगोलीय दूरी निर्धारित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण उपकरण हैं. (फोटो आभार NASA)
नासा की यह भविष्यवाणी, द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल के विशेष अंक में प्रकाशित होगी. नासा का कहना है कि हबल के बड़े नमूने के आकार को देखते हुए, ऐसी बेहद कम संभावना है कि खगोलविदों की भविष्यवाणी गलत साबित होगी. (फोटो आभार NASA)
स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट (एसटीएससीआई) के नोबेल पुरस्कार विजेता एडम रीस और जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने डार्क एनर्जी के समीकरण के लिए एसएचईएस या सुपरनोवा, एच नामक ब्रह्मांड की विस्तार दर की जांच करने वाली टीम का नेतृत्व किया था