शोध में खुलासा! कोरोना 10 फीसदी मरीजों को लंबे समय तक सताएगा

कोरोना रोगियों में ब्लैक फंगस के बाद एक और बड़ा खतरा लांग कोविड का बढ़ रहा है।

Update: 2021-06-14 04:12 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कोरोना रोगियों में ब्लैक फंगस के बाद एक और बड़ा खतरा लांग कोविड का बढ़ रहा है। ब्रिटेन में हुए ताजा अध्ययन बताते हैं कि कोरोना से संक्रमित करीब दस फीसदी लोगों को लंबे समय तक समस्या रह सकती है। लांग कोविड का तात्पर्य यह है कि कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद भी लंबे समय तक कोरोना का दुष्प्रभाव जारी रहना।

नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में ब्रिटेन के ऑफिस फॉर नेशनल स्टैस्टिक्स (ओएनएस) ने 20 हजार संक्रमितों पर अध्ययन में पाया कि 13.7 फीसदी लोगों में तीन महीने के बाद भी लांग कोविड के लक्षण पाए गए। इनमें ज्यादातर लक्षण कोरोना जैसे ही होते हैं जिनमें शारीरिक अस्वस्थता, थकान होना, सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द तथा मांसपेसियों में दर्द महसूस करना आदि शामिल है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन ने लांग कोविड के 3500 मरीजों में कुल 205 किस्म के लक्षण नोट किए हैं जो छह महीनों तक जारी थे। हालांकि कोरोना टेस्ट नेगेटिव होता है। ओएनएस के अनुसार, संक्रमितों में से दस फीसदी लोगों को लांग कोविड हो रहा है जिसकी अवधि छह महीने या इससे अधिक है। हालांकि तीन महीने तक ऐसे लक्षण कहीं ज्यादा लोगों में पाए गए हैं।
वायरस प्रतिरोधक तंत्र पर परमाणु बम की तरफ हमला करता है
शोधकर्ताओं का मनाना है कि कोरोना संक्रमण इंसान के प्रतिरोधक तंत्र पर बुरी तरह से चोट करता है। वायरस प्रतिरोधक तंत्र पर परमाणु बम की तरफ हमला करता है। इससे प्रतिरोधक तंत्र बुरी तरह से बिगड़ जाता है जिसका असर लंबे समय तक देखा जा रहा है।
हालांकि वैज्ञानिकों का कहना कि इस पर गहन शोध शुरू हुए हैं जिससे सही कारणों का पता चलेगा। इसमें यह भी पता चलेगा कि लांग कोविड का असर कितने लंबे समय तक रह सकता है। क्योंकि अभी तक जो शोध हुए हैं उनमें छह महीने तक इसके प्रभाव दर्ज किए गए हैं।


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