जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैज्ञानिकों को हाल ही में पता चला है कि चूहे केले से दूर भागते हैं. केले की खुशबू उन्हें तनाव देती है. मॉन्ट्रियल, क्यूबेक (Montreal, Quebec) में मैकगिल यूनिवर्सिटी (McGill University) के शोधकर्ताओं ने शोध किया जिसमें उन्होंने चूहों में स्ट्रेस हार्मोन (Stress hormones) का पता चला.
ऐसा तब हुआ जब वे गर्भवती या स्तनपान कराने वाली चुहियों के करीब थे. वैज्ञानिकों ने शोध में पाया कि चुहियों के मूत्र में एन-पेंटाइल एसीटेट (n-pentyl acetate) नाम के कंपाउंड की वजह से, चूहों में हार्मोनल बदलाव शुरू हो गया था. इसी कंपाउंड की वजह से केले में खास खुशबू होती है.
केले से चूहे में स्ट्रेस होता है
साइंस एडवांसेज (Science Advances) जर्नल में प्रकाशित शोध के वरिष्ठ लेखक जेफरी मोगिल (Jeffrey Mogil) का कहना है कि यह हमारे लिए आश्चर्य था, क्योंकि हम असल में इसकी खोज नहीं कर रहे थे, ये अचानक ही हमें पता चला. किसी दूसरे प्रयोग के लिए हमारी लैब में गर्भवती चुहियां थीं और हमारे एक छात्र ने महसूस किया कि चूहों ने अजीब तरह से व्यवहार करना शुरू कर दिया था.
केले की खुशबू के लिए एन-पेंटाइल एसीटेट ही जिम्मेदार है
पेपर में, शोधकर्ताओं ने लिखा है कि नर चूहे, खासकर जो वर्जिन होते हैं, वे अपनी अनुवांशिक फिटनेस को आगे बढ़ाने के लिए शिशु हत्या जैसी आक्रामकता (Infanticidal aggression) में शामिल होने के लिए जाने जाते हैं. इन संभावित शिकारियों से अपने बच्चों को बचाने के लिए गर्भवती और स्तनपान कराने वाली चुहियां अपने शरीर से रासायनिक उत्सर्जन करती हैं. इसके जरिए वे चूहों को खुद से दूर रहने का संदेश देती हैं.
यह देखने के बाद कि चुहियों के मूत्र में मौजूद कैमिकल की वजह से चूहों में तनाव का स्तर बढ़ गया, शोधकर्ताओं ने सोचा कि अगर यह कैमिकल कहीं और से आए तो भी क्या चूहे इसी तरह का व्यवहार करेंगे. शोधकर्ता केले का तेल लाए और रुई में उसे लगाया. इस रुई को उन्होंने चूहों के पिंजरों में रख दिया. उसकी महक से चूहों में तनाव के स्तर काफी हद तक बढ़ गया, ठीक उसी तरह जैसे मूत्र की वजह से बढ़ा था. शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि तनाव का स्तर वर्जिन चूहों में काफी ज्यादा था.