अंटार्कटिका में बर्फ के नीचे सदियों से दफन थी पेंग्विन कॉलोनी...कंकड़ों के मदद से पता चला
साल 2016 में जब डॉ. स्टीवन एम्सली अंटार्कटिका के इटैलियन बेस जूकेली स्टेशन के पास पेंग्विन कॉलोनी की स्टडी कर चुके थे तो उन्होंने आसपास घूमने का फैसला किया।
कंकड़ों के नीचे छिपी कॉलोनी
दरअसल, अंटार्कटिका में सूखे हुए इलाके में कंकड़ों का मिलना मुश्किल होता है। ये सिर्फ तभी मिलते हैं जब Adelie पेंग्विन भी यहां मौजूद हों। ये अपने घोंसले बनाने के लिए कंकड़ का इस्तेमाल करते हैं। इसका बाद डॉ. स्टीव ने खुद पेंग्विन के मल को देखा। आखिर में उन्हें मृत पेंग्विन दिखे। इनके पंख अभी भी लगे थे और शरीर जैसे अभी ही सड़ने लगे थे। इस इलाके में पेंग्विन कॉलोनी की मौजूदगी से हैरान डॉ. स्टीव ये अवशेष लेकर कार्बन डेटिंग कराने ले गए।
सदियों पुरानी ममी
कार्बन डेटिंग में पता चला के इन पेंग्विन की मौत 800-5000 साल पहले हुई हो सकती है। तब डॉ. स्टीव को समझ आया कि मल, पंख, हड्डियां और पत्थर सदियों से बर्फ के नीचे दफन थे। जो उन्हें मिला वे दरअसल, पेंग्विन की ममी थीं। इससे पहले इन्हें कभी नहीं देखा गया क्योंकि ये बर्फ से छिपी थीं। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि हजारों साल तक यहां रहने के बाद करीब 800 साल पहले अचानक यहां पेंग्विन कॉलोनी खत्म हो गईं।
Fast Ice की वजह से गायब हुईं कॉलोनी
अपनी इस खोज के बारे में डॉ. स्टीवन ने पिछले महीने जर्नल जियॉलजी में बताया है। उनका कहना है कि तापमान के गिरने से यहां Fast Ice बनी होगी जो गर्मियों में भी रहती है। इसकी वजह से पेंग्विन यहां कॉलोनी नहीं बना पाए होंगे। अंटार्कटिका में बर्फ के पिघलने और समुद्र स्तर के बढ़ने से पेंग्विन दूसरी जगहें तलाशने के लिए मजबूर हैं। डॉ. स्टीवन को उम्मीद है कि पेंग्विन यहां लौट सकते हैं। यहां कंकड़ों का पहले से मौजूद होना उनके लिए मददगार हो सकता है।