नासा का मिशन 'लूसी', सौर मंडल का राज खोलेंगे बृहस्पति के ऐस्टरॉइड्स

नासा का मिशन लूसी

Update: 2021-10-08 15:50 GMT

वॉशिंगटन: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा अब बृहस्पति ग्रह के ट्रोजन ऐस्टरॉइड्स पर रिसर्च करने जा रही है। इसके लिए नासा अपने पहले स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजेगी। वैज्ञानिकों का मकसद 4.5 बिलियन साल पहले बने सोलर सिस्टम की उत्पत्ति को लेकर नए खुलासे करना है। स्पेस एजेंसी ने 28 सितंबर को इसकी जानकारी दी। नासा के इस मिशन का नाम Lucy है जो एक जीवाश्म के नाम पर रखा गया है जिसने मानव प्रजाति के विकास के बारे में जानकारी दी थी।

लूसी मिशन 16 अक्टूबर को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्च किया जाएगा। यह अंतरिक्ष में दो झुंडों में सूर्य की परिक्रमा करने वाले चट्टानी पिंडों के समूह की जांच करेगा। एक जो बृहस्पति के आगे उसके कक्ष में मौजूद है और दूसरा उसके पीछे। धरती से उड़ान भरने के बाद लूसी आठ अलग-अलग ऐस्टरॉइड के लिए 12 साल की यात्रा करेगा। इसमें एक मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य बेल्ट में और बाकी सात ट्रोजन ऐस्टरॉइड्स शामिल हैं।
हर ऐस्टरॉइड एक-दूसरे से अलग
मिशन के प्रमुख वैज्ञानिक हैल लेविसन ने ट्रोजन ऐस्टरॉइड्स के बारे में कहा कि यह बात सच है कि वे अंतरिक्ष के बेहद छोटे क्षेत्र में मौजूद हैं लेकिन वे संरचना में एक-दूसरे से बेहद अलग हैं। उन्होंने कहा कि सभी के अलग-अलग रंग होते हैं, जैसे कोई ग्रे तो कोई लाल है। अंतरिक्ष में ट्रोजन ऐस्टरॉइड्स की संख्या लगभग 7,000 है। नासा के प्लैनेटरी साइंस डिवीजन के निदेशक लोरी ग्लैजा ने कहा कि लूसी की खोज हमें सौर मंडल की उत्पत्ति के बारे में बड़े पैमाने पर जानकारी देगी।
मिशन की कुल लागत 981 मिलियन डॉलर
लूसी मिशन की कुल लागत 981 मिलियन डॉलर होगी। नासा के हालिया मिशन इस बात की ओर संकेत करते हैं कि स्पेस एजेंसी ग्रहों के बाद अब ऐस्टरॉइड्स पर रिसर्च करना चाहती है। नासा का साइकी मिशन अंतरिक्ष में मौजूद अथाह दौलत वाले ऐस्टरॉइड के बारे में पता लगाया जिसे धातु से बना ऐस्टरॉइड भी कहते हैं। वहीं नासा का डार्ट मिशन पृथ्वी की ओर बढ़ते खतरों से ग्रह की रक्षा करेगा। इसमें एक स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के बेहद करीबी ऐस्टरॉइड को तेजी से टक्कर मारेगा और इसकी गति को प्रभावित करेगा।
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