NASA को मिला मंगल की चट्टान में नमक, लाल ग्रह पर जीवन के रहस्य कैसे खोलेगी यह खोज?

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने हाल ही में मंगल ग्रह से चट्टानी सैंपल सफलतापूर्वक हासिल कर लिए। अब एजेंसी ने शुक्रवार को ऐलान किया कि रोवर को मिले सैंपल से संकेत मिले हैं

Update: 2021-09-11 08:21 GMT

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने हाल ही में मंगल ग्रह से चट्टानी सैंपल सफलतापूर्वक हासिल कर लिए। अब एजेंसी ने शुक्रवार को ऐलान किया कि रोवर को मिले सैंपल से संकेत मिले हैं कि एक वक्त ऐसा था जब Jezero Crater पर जीवन के लायक पर्यावरण मौजूद था। एजेंसी के मुताबिक कोर सैंपल basaltic है जो ज्वालामुखी से निकले लावा से बनी चट्टान का संकेत देता है। ऐसी चट्टानों में सिलिका कम और लोहा और मैग्नीशियम ज्यादा होता है। इस खोज के साथ ही यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि यह प्राचीन झील कब बनी और कब गायब हो गई।

NASA ने Jezero Crater को इस मिशन के लिए चुना है क्योंकि रिसर्च में ऐसी संभावना जताई गई है कि कभी यहां पानी हुआ करता था। इससे यहां कभी जीवन मौजूद होने की उम्मीद बढ़ जाती है। क्रेटर के सेडिमेंट्स में प्राचीन जीवन मिल भी सकते हैं और हो सकता है कि भविष्य में अगर मंगल ग्रह पर जीवन मुमकिन हो, तो उसकी झलक भी यहां दिख सके। हालांकि, यह नहीं पता चल सका है कि झील में पानी कितने वक्त तक के लिए था।
मिलेंगे कई सवालों के जवाब
रोवर ने जो सैंपल कलेक्ट किया है और इससे पहले जिस चट्टान का सैंपल लेने की कोशिश की गई थी, दोनों को देखकर पता लगता है कि यहां भूमिगत जल काफी वक्त तक रहा होगा। NASA हेडक्वॉर्टर में मिशन के प्रोग्राम साइंटिस्ट मिच शूल्ट के मुताबिक इन सैंपल्स में धरती पर आने के बाद लैब अनैलेसिस के लिए काफी ज्यादा महत्व है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इन चट्टानों में मौजूद खनिजों का सीक्वेंस और इनके बनने के वक्त पर्यावरण के हालात के बारे में भी एक दिन पता लगाया जा सकेगा।
ले जाएंगे वक्त में पीछे
इसके साथ ही मंगल ग्रह पर पानी की मौजूदगी से जुड़े बड़े सवालों के जवाब मिल सकेंगे। ग्राउंड टीम के मुताबिक चट्टानी सैंपल में ऐसे नमक हैं जो शायद तब बने होंगे जब भूमिगत जल ने ऑरिजिनल खनिजों को बदल दिया होगा। हो सकता है पानी के वाष्पित होने के बाद नमक बचे रह गए हों। NASA ने बताया है कि नमक में शायद पानी भी रहा होगा। अगर ऐसा होता है तो इन्हें 'टाइम कैप्सूल' के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा जो मंगल की जलवायु और जीवन की संभावना के बारे में संकेत दे सकते हैं। धरती पर नमक में प्राचीन जीवन के कैद रहने से कई सुराग मिले हैं।
पानी का मतलब जीवन?
वैज्ञानिकों के मुताबिक हो सकता है कि जब क्रेटर में पानी था तब भूमिगत जल पहुंच गया हो या झील में पानी सूखने के बाद चट्टानों के अंदर रह गया हो। यह साफ नहीं है कि पानी कितने वक्त के लिए यहां रहो होगा लेकिन NASA को यकीन है कि उस काल में सूक्ष्मजीवियों के पैदा होने लायक पर्यावरण जरूर रहा होगा। NASA का अगला ठिकाना South Seitah हो सकता है जो पुरानी चट्टानी परत मानी जाती है जबकि अभी जो सैंपल हासिल किए गए हैं वह नई परत के हैं। South Seitah से सैंपल की मदद से यह समझा जा सकेगा कि क्रेटर की जमीन और झील कैसे बनी थी।


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