NASA प्रमुख बिल नेल्सन का एलियन पर बड़ा बयान, कहा- एक दिन होगा ये

Update: 2021-07-09 03:14 GMT

पूर्व एस्ट्रोनॉट और नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने कहा कि है इस ब्रह्मांड में इंसान अकेले सभ्य जीव नहीं हैं. इनके अलावा और भी बुद्धिमान जीवों के होने की संभावना है. जिन्हें हम इंटेलिजेंट लाइफ कहते हैं. या आम भाषा में कहें तो एलियन कहा जाता है. इंसान जरूर एक दिन इन एलियंस से मिलेंगे. बिल नेल्सन का यह बयान पेंटागन द्वारा एलियन यानों पर दी गई रिपोर्ट के कुछ ही हफ्ते बाद आया है. रिपोर्ट में कहा गया था कि एलियन यानों की पुष्टि नहीं कर सकते, लेकिन नासा चीफ कह रहे हैं कि ब्रह्मांड में दूसरे जीव भी हैं. 

नासा चीफ बिल नेल्सन (Bill Nelson) ने एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि ब्रह्मांड के किसी कोने में दूसरी दुनिया के लोग हैं. धरती के अलावा भी कुछ ग्रहों पर इंटेलिजेंट जीवन का वास जरूर होगा. नासा लगातार इन चीजों पर नजर रख रही है. साथ ही अंतरिक्ष से आने वाले सिग्नलों, संदेशों और एलियन यानों की घटनाओं पर नजर रख रहे हैं. 
बिल नेल्सन कहते हैं कि जब आपके सामने 13.5 बिलियन साल पुराना ब्रह्मांड हो तो इस बात की पूरी संभावना रहती है कि दूसरे सूरज भी होंगे. दूसरी धरती भी होगी. हमारे जैसा वायुमंडल भी होगा. बस देर इस बात की है कि हमें वहां से कोई संदेश या सिग्नल मिले. यह बात तो तय है कि एक समय ऐसा आएगा जब इंसान दूसरे ग्रह के इंटेलिजेंट लाइफ से संपर्क स्थापित करेगा. फिर यह संबंध लंबा चलेगा. 
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा लगातार अपने सौर मंडल और उससे बाहर के ग्रहों और तारों में ऐसे इंटेलिजेंट लाइफ को खोजने का काम कर रही है. इसके अलावा नासा अन्य सूरज और रहने लायक ग्रहों को भी खोज रही है. अभी 5 जुलाई यानी सोमवार को मंगल ग्रह पर नासा के इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर ने अपनी नौवीं उड़ान भरी. यह उड़ान अब तक की सबसे लंबी, ज्यादा दूरी और स्पीड वाली उड़ान थी. इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर 5 मीटर प्रति सेकेंड की गति से उड़ रहा था. बिल ने कहा कि हो सकता है कि किसी दिन हमें यह हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर जीवन का कोई संदेश दे. 
आपको बता दें कि 25 जून को अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा था कि एलियन यान यानी UFO के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है. पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2004 से 2021 के बीच एलियन यानों के दिखने की 144 घटनाएं हुई हैं, जिनमें से वो सिर्फ एक की पुष्टि कर सकते हैं. बाकि 143 घटनाओं की विस्तृत जानकारी नहीं दे सकते. इसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था.
धरती के चारों तरफ मौजूद 1715 तारों के चारों तरफ एलियंस चक्कर लगा रहे हैं. ये तारे धरती से 325 प्रकाश वर्ष की दूरी के अंदर ही मौजूद है. वैज्ञानिकों ने सौर मंडल का सर्वे करने के बाद यह दावा किया है इनमें से 1402 तारे ऐसे हैं जहां से एलियंस सीधे धरती की ओर देख रहे हैं. इनमें से 75 तारे ऐसे हैं जो धरती की ओर से भेजे गए रेडियो किरणों को पकड़ रहे हैं. आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि एलियंस धरती पर सौर मंडल में चारों तरफ से नजर रखे हुए हैं.
वैज्ञानिकों ने इस का आंकड़ा निकालने के लिए जिस तकनीक का उपयोग किया उसमें सबसे जरूरी था कि इन तारों और धरती के बीच आदान-प्रदान होने वाली रेडियो और अन्य प्रकार की किरणों का विश्लेषण. क्योंकि जहां भी एलियंस होते हैं वो इन रेडियो और अन्य किरणों को रोकते हैं. न्यूयॉर्क स्थित कॉर्नेल यूनिवर्सिटी की लीसा कालटेनेजर और अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री की जैकी फैहर्टी ने गाइया स्पेस टेलिस्कोप (Gaia Space Telescope) के डेटा का एनालिसिस किया.
लीसा और जैकी ने देखा कि सौर मंडल में धरती के चारों तरफ 1715 तारे ऐसे हैं जिनके चारों तरफ एलियंस की मौजूदगी दर्ज की जा रही है. इनमें से 1402 तारे ऐसी पोजिशन पर हैं, जहां से एलियंस सीधे धरती को देख सकते हैं. जब भी धरती सूरज और उन तारों के बीच से गुजरती है, एलियंस धरती पर निगरानी रखते हैं. जबकि 313 तारे ऐसी स्थिति में जो थोड़ा दूर हैं. लेकिन वो भी किसी न किसी तरीके से धरती से भेजी जा रही रेडियों तरंगों को रोकते या पकड़ते हैं.
लीसा और जैकी ने गाइया स्पेस टेलिस्कोप के डेटा से 10 हजार सालों के लिए इन तारों के मूवमेंट का सिमुलेशन तैयार किया. इस सिमुलेशन से पता चला कि 10 हजार सालों में से 6914 सालों तक तारों के चारों तरफ चक्कर लगा रहे एलियंस धरती पर नजर रख रहे हैं. यह समय इतना ज्यादा है कि आराम से किसी ग्रह पर नजर रखी जा सकती है. अगर उन एलियंस के पास हमसे ज्यादा ताकतवर टेलिस्कोप हैं तो वो हमारी रेडियो तरंगों को कैप्चर कर सकते हैं. 
धरती से पिछले 100 सालों में जितनी भी रेडियो तरंगें अंतरिक्ष में भेजी गई हैं, उन्हें 75 तारों के आसपास रोका गया है. ये तारे धरती से काफी ज्यादा नजदीक है. दोनों शोधकर्ताओं ने अंदाजा लगाया है कि 1715 तारों के गोल्डीलॉक जोन में 500 पथरीली दुनिया है, जहां पर जीवन होने के संकेत है. इनमें से कुछ के बारे में वैज्ञानिकों को पता भी है. जबकि इनमें से कुछ तो धरती पर काफी प्रसिद्ध भी हैं. जैसे- The TRAPPIST-1 System, इसमें धरती के आकार के ग्रह हैं. ये सिस्टम तीन हजार सालों से ज्यादा समय से धरती पर नजर रख रहा है.

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