भारत में आसमान में दिखा रहस्यमयी खूबसूरत नजारा, लोकल साइंटिस्ट बोले- हैं Electron रॉकेट के टुकड़े
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चंद्रपुर: शनिवार की रात यानी 2 अप्रैल 2022 की शाम महाराष्ट्र के चंद्रपुर (Chandrapur) के आसमान से आग के गोले गिरे. पहले तो लोगों को लगा कि ये कोई उल्कापिंड है. लेकिन सुबह जब ग्रामीणों ने धातुओं के कुछ अनजान उपकरण और टूटे-फूटे टुकड़े बरामद किए तो पता चला कि ये किसी रॉकेट का हिस्सा हैं.
इन हिस्सों में 10 फीट व्यास की गोलाई का एक धातु का छ्ल्ला और बॉल के आकार का यंत्र मिला है. ये लोहे का है. शनिवार शाम करीब 7 बजे के बाद आसमान से उल्कापिंड जैसे आग के गोले जमीन की ओर तेजी से आते दिखे. यह नजारा महाराष्ट्र के कई जिलों से देखा गया.
आसमान से आया ये जलता हुआ गोला शनिवार रात करीब 8 बजे महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के सिंदेवाहि तहसील के लाडबोरी गांव में गिरा. सुबह जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि यह लोहे का बड़ा छल्ला 10 फीट व्यास का है. छल्ले के किनारों की मोटाई 8 से 10 इंच है. वजन करीब 40 किलोग्राम है.
बताया जा रहा है कि यह छल्ला अलग-अलग धातुओं से बनाई गई है. इस रिंग के साथ गांव वालों को एक बॉल के आकर का बड़ा सा लोहे का यंत्र मिला है. प्रशासन यह जांच कर रहा है कि यह क्या चीज है. यह कहां से आया. स्थानीय लोग अलग-अलग तरह की अटकलें लगा रहे हैं.
चंद्रपुर स्काई वॉच ग्रुप के अध्यक्ष प्रोफेसर सुरेश चोपने ने बताया कि शनिवार शाम को 6.11 बजे न्यूजीलैंड के माहिया द्वीप से रॉकेट लॅब कंपनी (Rocket Labs) द्वारा इलेक्ट्रॉन रॉकेट (Electron Rocket) लॉन्च किया गया था. इस रॉकेट में ब्लैकस्काई इनकॉर्पोरेशन (BlackSky Inc.) का सैटेलाइट लगा था. जिसे धरती की निचली कक्षा यानी करीब 430 किलोमीटर ऊपर छोड़ा गया.
प्रो. चोपने के अनुसार यह छल्ला रॉकेट के किसी स्टेज का हिस्सा है. जबकि गोलाकार यंत्र किसी बूस्टर का हिस्सा हो सकता है. वायुमंडल में आने के बाद ये हिस्से जलते हुए चंद्रपुर के लाडबेरी गांव में गिर गए. गिरने से ये जल भी गए और इनमें कई स्थानों पर टूट-फूट के निशान भी हैं.
पिछली साल भी चीन का अनियंत्रित रॉकेट न्यूजीलैंड के पास समुद्र में गिरा था. जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी ज्यादा विरोध हुआ था. चंद्रपुर में गिरे धातु के यंत्र इलेक्ट्रॉन रॉकेट का हिस्सा हैं या नहीं, ये तो जांच का विषय है. लेकिन पिछले कुछ सालों में आसमान से राकेट और सैटेलाइट्स के कई हिस्से अक्सर धरती पर गिरते देखे गए हैं.