जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) के प्रभाव हर तरफ तो दिख ही रहे हैं. लेकिन इन प्रभावों में से के पर्वतों (Mountain) की कम होती बर्फ पर शायद कम ध्यान दिया जा रहा है. बर्फी से ढके पर्वत साफ पानी के बहुत ही कीमती स्रोत होते हैं. लेकिन आने वाले दशकों में इन स्रोतों से पानी गायब हो सकता है. पानी के टॉवर कहे जाने वाले पर्वतों पर दुनिया का 80 प्रतिशत साफ पानी होता है और इतना ही नहीं दुनिया की आधी से ज्यादा जनसंख्या पानी, भोजन और यहां तक कि ऊर्जा के लिए भी पर्वतों के पारिस्थिकी तंत्रों पर निर्भर हैं जिनके बारे में कहना गलत नहीं होगा कि वे इस बर्फ पर पूरी तरह से निर्भर हैं
बर्केले लैब के एलन रोड्स और एरिका वुडबर्न और उनके साथियों द्वारा किए गए अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है कि यदि ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को रोका नहीं गया तो अगले 35 से 60 सालों में पश्चिमी अमेरिका (USA) में पर्वत शृंखलाएं (Mountain Ranges) नियमित रूप से सर्दियों (Winters) के मौसम में कम या फिर नहीं के बराबर की मात्रा में बर्फ के हो जाएंगी
रोड्स और उनके साथियों ने नए अध्ययन में या पाया कि दक्षिणी मध्यअक्षांश की पर्वतमालाएं (Mountain Ranges) भविष्य में जल्दी ही कम या बिना बर्फ (No Snow) की हो जाएंगी. ये पर्वत खास तौर पर चिली के एंडीज (Andes) पर्वतमाला के हैं जो 2046 तक बिना बर्फ की स्थितियों में पहुंच सकती हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक, कम या बिना बर्फ की स्थिति तब आती है जब बर्फ के रूप में वार्षिक अधिकतम पानी जमा हो जाता है जो एक दशक से अधिक समय से जमा हुए ऐतिहासिक स्थितियों के 30 प्रतिशत से कम होती है.
यह अध्ययन से खुलासा हुआ कि कम से बिना बर्फ की सर्दियां (No Snow Winters) दक्षिणी मध्यअक्षांश में उत्तरी मध्य अक्षांश की तुलना में एक तिहाई वार्मिंग (Warming) में ही हो जाएंगी. रोड्स बताते हैं कि ये पड़ताल बहुत ही चौंकाने वाली हैं. शोधकर्ताओं ने माना था कि उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध दोनों ही क्षेत्रों की जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के प्रदी एक ही सी प्रतिक्रिया होगी, बल्कि एंडीज अपनी ऊंचाई के कारण बेहतर प्रतिरोध दिखाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
इससे पता चलता है कि हर तरह की वार्मिंग (Warming) का एक क्षेत्र का प्रभाव दूसरे क्षेत्रों जैसा नहीं होता है. लेकिन सकारात्मक रूप से शोधकर्ताओं ने पाया कम या बिना बर्फ की सर्दियां (No Snow Winters) उत्तरी और दक्षिणी मध्यअक्षांश पर्वतशृंखलाओं (Mountain Ranges) में रोकी जा सकती हैं यदि ग्लोबल वार्मिंग को यानि वैश्विक औसत तापमान वृद्धि को 2.5 डिग्री सेल्सियस तक ही रोक दिया जाए.
रोड्स ने बताया कि बर्केले लैब के ही एक अन्य अध्ययन में ही, जिसमें पाया गया था कि अमेरिका (USA) 2050 तक CO2 ने के नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य तक पहुंच सकता है. इसे अक्षयऊर्जा (Renewable Energy) के आधार बने ऊर्जा अधोसंरचना के पुनर्निर्माण के जरिए हासिल किया जा सकता है. इसके लिए इच्छाशक्ति और नावचार की जरूरत ही जो जलवायु की मांगो के अनुरूप आपात स्तर पर वित्तिय स्रोतों का निवेश कर सकें. यह शोध नेचर जलवायु परिवर्तन (Climate Change) में प्रकाशित हुआ है.