वजन घटाने के लिए सबसे अनुकूल, जानिए क्या है इसका कारण?

बढ़े हुए वजन और मोटापे की समस्या से दुनियाभर में करोड़ों लोग परेशान हैं।

Update: 2021-10-18 11:10 GMT

बढ़े हुए वजन और मोटापे की समस्या से दुनियाभर में करोड़ों लोग परेशान हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वजन अधिक होने के साथ शरीर में कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, यही कारण है कि लोगों को अपने वजन को नियंत्रित करने की सलाह दी जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक आहार, व्यायाम और जीवनशैली में कुछ बदलाव करके वजन कम करने में सफलता मिल सकती है। पर क्या आप जानते हैं कि वजन कम करने में मौसम की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है?

अध्ययनों से पता चलता है कि विशिष्ट प्रकार के मौसम आपको अधिक कैलोरी बर्न करने में मदद कर सकते हैं। पर अगर आप सोचते हैं कि चूंकि गर्मियों में शरीर से अधिक पसीना निकलता है और यह वजन घटाने में मददगार मौसम है तो संभवत: आपकी यह सोच गलत है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि अध्ययनों के मुताबिक अधिक कैलोरी बर्न में कौन सा मौसम आपके लिए ज्यादा अनुकूल हो सकता है और इसका क्या कारण है?

वजन कम करने के लिए बेहतर है सर्दियों का मौसम

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जब भी शरीर से अतिरिक्त चर्बी को कम करने की बात आती है तो अक्सर लोगों की सोच होती है कि इसके लिए  उच्च तापमान सबसे अच्छा काम करता है, पर यह वास्तव में सही नहीं है। सेल रिपोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि ठंडे वातावरण में व्यायाम करने से शरीर की अलग-अलग तापमानों के अनुकूल होने की क्षमता बढ़ती है। इसके अतिरिक्त, यह फैट बर्न करने की क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक मानी जाती है। यानि कि भारत में अक्तूबर से लेकर फरवरी तक के मौसम को वजन कम करने के लिए सबसे अनुकूल माना जा सकता है।

अध्ययन में क्या पता चला?

कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मौसम और वजन कम होने के कारकों के बारे में जानने के लिए अध्ययन किया। इसके लिए आठ ऐसे तैराकों पर अध्ययन किया गया जो ठंड के मौसम में तैराकी का अभ्यास करते थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि ठंडे मौसम के तैराक, वातावरण में तापमान परिवर्तन के अनुरूप खुद को ढालने में अधिक सक्षम पाए गए। इसके अलावा ऐसे तैराकों में ठंडे पानी के संपर्क में आने पर रक्तचाप और पल्स रेट बढ़ने के मामले भी कम देखे गए। 

क्या कहते हैं अध्ययनकर्ता?

अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिकों ने बताया कि ठंड के मौसम में तैराकों में ब्राउन फैट का बर्न रेट भी कम पाया गया। ब्राउन फैट, एक विशेष प्रकार का बॉडी फैट होता है जो शरीर के ठंडा होने पर सक्रिय होता है। यह ठंड की स्थिति में शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद करता है। शरीर में गर्मी के अधिक उत्पादन के कारण सर्दियों के मौसम में तैराकों ने अधिक कैलोरी बर्न की। 

फैट बर्न करने के लिए ठंडा मौसम अधिक अनुकूल

अध्ययनकर्ताओं ने इस शोध के आधार पर पाया कि शरीर से अधिक फैट को बर्न करने के लिए ठंड का मौसम ज्यादा प्रभावी हो सकता है। इतना ही नहीं नेचर मेडिसिन में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों में ब्राउन फैट अधिक होता है उनमें हृदय रोग, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, टाइप -2 डायबिटीज और उच्च रक्तचाप का जोखिम कम पाया गया। तो अगर आप सोचते हैं कि ठंड में वजन बढ़ता है तो इस बारे में एक बार फिर से विचार कीजिएगा। 

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