जानें क्यों स्पेस में सैटेलाइट द्वारा भेजी जा रही पीएम मोदी की तस्वीर और भगवद गीता
इस महीने के आखिर में सतीश धवन के नाम पर बनी सैटेलाइट (SD SAT) को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा
इस महीने के आखिर में सतीश धवन के नाम पर बनी सैटेलाइट (SD SAT) को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. सैटेलाइट पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल (PSLV) C-51 के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. ISRO इसे 28 फरवरी को लॉन्च करेगा.
ये नैनोसैटेलाइट स्पेसकिड्स इंडिया द्वारा विकसित किया गया है. स्पेसकिड्ज छात्रों के बीच अंतरिक्ष विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक संगठन है. इस सैटेलाइट में भगवत गीता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर और 25 हजार नागरिकों के नाम भेजे जाएंगे. इसके पीछे की वजह भी सामने आई है.
दरअसल स्पेस में भगवत गीता भेजने का फैसला दूसरे स्पेस मिशन को देखते हुए लिया गया है जो अपने साथ बाइबल जैसी पवित्र किताबें लेकर जाते हैं. दरअसल हाल ही में ये खबर सामने आई कि बज़ एल्ड्रिन ने चंद्रमा पर उतरने के दौरान अपोलो 11 लूनर मॉड्यूल में बाइबिल को अपने साथ ले लिया था. ऐसा करने वाले पहले व्यक्ति बने. इसी से प्रेरणा लेते हुए ISRO द्वारा भेजी जा रही इस सैटेलाइट में भगवतगीता भेजी जाएगी.
वहीं प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए भेजी जाएगी. ये सैटेलाइट आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देगी क्योंकि ये पूरी तरीके से भारत में विकसीत की गई है. इसलिए इसके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. इस सैटेलाइट में तीन वैज्ञानिक पेलोड भी ले जाए जाएंगे. इनमें से एक अंतरिक्ष विकिरण का अध्ययन करने के लिए, एक मैग्नेटोस्फीयर का अध्ययन करने के लिए, और एक कम बिजली चौड़े क्षेत्र के संचार नेटवर्क का प्रदर्शन करेगा.
स्पेसकिड्ज इंडिया के संस्थापक और सीईओ डॉ श्रीमथि केसन ने बताया कि इस समय ग्रुप में काफी एक्साइटमेंट है. जब हमने मिशन को अंतिम रूप दिया, तो हमने लोगों से उनके नाम भेजने को कहा जो अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे. एक हफ्ते के अंदर हमें 25,000 आवेदन मिले. इनमें से 1000 नाम भारत के बाहर के लोगों के थे.
केसन ने बताया है कि इस सैटेलाइट में ISRO की तरफ से कुछ बदलाव बताए गए हैं. इन बदलावों के बाद सैटेलाइट को रविवार को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा. ऐसे में आखिरी वक्त की तैयारियां जारी है