एलोन मस्क मंगल ग्रह पर जो स्टारशिप रॉकेट्स खरीदना चाहते हैं, जाने कितना बड़ा होगा

Update: 2024-04-20 07:16 GMT
नासा :  दुनिया के सबसे बड़े रॉकेट ‘स्‍टारशिप' (Starship) का आकार भविष्‍य में और भी बड़ा होगा। स्‍टारशिप का निर्माण कर रही स्‍पेसएक्‍स (SpaceX) के मालिक एलन मस्‍क (Elon Musk) ने हाल में अपने कर्मचारियों के साथ यह इन्‍फर्मेशन शेयर की। एक रिपोर्ट के अनुसार, मस्‍क ने बताया कि स्‍टारशिप रॉकेट आख‍िरकार 500 फीट ऊंचा होगा। यह मौजूदा वक्‍त में टेस्‍ट किए जा रहे स्‍टारशिप रॉकेट से 20 फीसदी ज्‍यादा है। रिपोर्ट के अनुसार, स्‍पेसएक्‍स के मार्स (मंगल) मिशन को ध्‍यान में रखते हुए स्‍टारशिप का आकार बढ़ाया जाएगा।
स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट में बताया गया है कि स्‍टारशिप एक रीयूजेबल रॉकेट होगा। उसके हर लॉन्‍च में 3 मिलियन डॉलर की लागत आएगी। मुद्रास्फीति के नजरिए से इसकी तुलना करें तो 2004 में फाल्‍कन-1 रॉकेट को लॉन्‍च करने में जितनी लागत आती थी, स्‍टारशिप को उससे कम में अंत‍रिक्ष में भेजा जा सकेगा। रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्‍क ने अपने कर्मचारियों से कहा कि ये आंकड़े अकल्‍पनीय हैं। स्‍टारशिप रॉकेट एक दिन हकीकत हो सकता है, किसी ने भी नहीं सोचा था। हम यह सब हासिल करने के लिए फ‍िजिक्‍स का कोई नियम नहीं तोड़ रहे। एलन मस्‍क की योजना एक दिन मंगल ग्रह पर इंसानों को बसाने की है। मार्स प्राेजेक्‍ट के बारे में वह समय-समय पर जानकारी देते रहते हैं।
स्‍टारशिप रॉकेट इसकी सबसे अहम कड़ी है। इसे अबतक 3 बार टेस्‍ट किया जा चुका है और तीसरा परीक्षण काफी हद तक कामयाब रहा था। जिस दिन स्‍टारशिप रॉकेट पूरी तरह से तैयार हो जाएगा और अमेरिकी प्रशासन से उसे उड़ान की मंजूरी मिल जाएगी, मस्‍क का मंगल मिशन भी शुरू हो जाएगा। स्‍पेसएक्‍स का फोकस अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के मून मिशन पर भी है। स्पेसएक्स को आर्टेमिस 3 लैंडिंग मिशन के लिए वेंडर बनाया गया है। आर्टेमिस मिशन का मकसद एक बार फ‍िर अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर पहुंचाना है।
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