जेफ बेजोस की राकेट कंपनी ब्लू ओरिजिन ने पहला निजी अंतरिक्ष केंद्र बनाने की पहल की
ई-कामर्स कंपनी अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस की राकेट कंपनी ब्लू ओरिजिन ने धरती की कक्षा में निजी अंतरिक्ष केंद्र बनाने की पहल की है।
वाशिंगटन, ई-कामर्स कंपनी अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस की राकेट कंपनी ब्लू ओरिजिन ने धरती की कक्षा में निजी अंतरिक्ष केंद्र बनाने की पहल की है। इसके लिए उसने दूसरी कंपनियों से बातचीत भी शुरू कर दी है। कंपनी ने योजना से सोमवार को पर्दा उठाते हुए कहा कि पहला निजी अंतरिक्ष केंद्र, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आइएसएस) का विकल्प या पूरक हो सकता है। निजी अंतरिक्ष केंद्र का विचार वैसे समय में आया है, जब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा 100 अरब डालर की लागत से बने 20 साल पुराने आइएसएस के विकल्प की तलाश कर रही है।
आइएसएस का पूरक या विकल्प हो सकता है प्रस्तावित केंद्र
यह अंतरिक्ष केंद्र अपने युग के समापन का इशारा करने लगा है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वर्ष 2030 तक पृथ्वी की निचली कक्षा में कोई अन्य केंद्र का निर्माण हो सकेगा या नहीं। वर्ष 2030 में ही आइएसएस के लिए वित्त पोषण की अवधि खत्म हो रही है और यह बहुत हद तक नासा पर निर्भर करेगा कि वह अंतरिक्ष केंद्र परियोजना के लिए संसद से कितना धन हासिल कर पाती है। एजेंसी ने निजी अंतरिक्ष कंपनियों को केंद्र का निर्माण शुरू करने के लिए 40 करोड़ डालर तक के आवंटन की योजना की है।
चीन के तियानगोंग से होगा मुकाबला
ब्लू ओरिजिन व उसके साझेदारों का आर्बिटल रीफ नामक यह प्रस्ताव सिर्फ डिजिटल एनिमेशन व ड्राइंग्स तक सीमित है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि उसे मौजूदा दशक के अंत तक मूर्त रूप दिया जा सकता है। इसका मुकाबला चीन के वास्तविक तियानगोंग अंतरिक्ष केंद्र से होगा, जिसके अगले साल तक पूरा होने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा, आइएसएस में शोध सुविधा प्रदान करने वाली कंपनी लाकहीड मार्टिन व नैनोरैक्स ने पिछले हफ्ते दावा किया है कि उसके पास उसका अपना अंतरिक्ष केंद्र है, जिसका नाम स्टारलैब है।संभावना है कि आर्बिटल रीफ परियोजना में बेजोस बड़ा निवेश कर सकते हैं। उन्होंने ब्लू ओरिजिन पर प्रति वर्ष एक अरब डालर के खर्च और अंतरिक्ष में लोगों के रहने और काम करने जैसी स्थितियां पैदा करने के लक्ष्य का एलान किया है। वर्ष 2000 में स्थापित इस कंपनी ने अंतरिक्ष में पर्यटन कराने की योजना लांच की है। परियोजना के साझेदारों में सिएरा स्पेस व बोइंग शामिल हैं।