जापानी शोध का दावा: अंतरिक्ष से पृथ्वी पर आए थे जीवन के प्रमुख तत्व

यह एक बड़ी बहस का विषय रहा है कि पृथ्वी (Earth) पर जीवन के लिए जरूरी तत्व (Ingredients of life) क्या यहीं पर विकसित हुए थे

Update: 2022-04-27 16:10 GMT

यह एक बड़ी बहस का विषय रहा है कि पृथ्वी (Earth) पर जीवन के लिए जरूरी तत्व (Ingredients of life) क्या यहीं पर विकसित हुए थे या फिर बाहर से यहां पर आए थे. जीवन की उत्पत्ति के लिए आवश्यक घटक आखिर कैसे विकसित हुए या आए यह आज भी रहस्य है और शोध का विषय बना हुआ है. जापान के वैज्ञानिकों के उल्कापिंडों (Meteorites) के विश्लेषण ने दर्शाया है कि जीवन के रासायनिक घटक पृथ्वी पर गहरे अंतरिक्ष से आए थे. इन पुरातन समय में बने उल्कापिंडों में शुरुआती जीवन के घटकों का पाया जाना इसी धारणा को पक्का करता है कि पृथ्वी पर जीवन के घटक बाहर से आए थे. 

शोधकर्ताओं की टीम ने बताया है कि उन्होंने तीन कार्बन युक्त उल्कापिंडों में न्यूक्लबेसिस की खोज की है. न्यूक्लियोबेसिस (Nucleobasis) नाइट्रोजनयुक्त वे यौगिक होते हैं जो डीएनए (DNA) की दोहरी सीढ़ीदार संरचना का निर्णाण करते हैं. नेचर कम्यूनिकेशन जर्नल में प्राकशित अध्ययन में बताया गया है कि शोधकर्ताओं ने बहुत से पाइरिमिडाइन न्यूक्लियोबेसिस जैसे की साइटोसाइन (C), यूरासिल (U), थाइमीन (T) और उनके कई संरचनात्मक आइसोमर्स तत्वों की पहचान की है. उल्लेखनीय है कि डीएनए भी C,U,T, गुआनाइन (G) और एडेनाइन (A) जैसे तत्वों से बनता है, और आरएनए (RNA) A, C, और G का उपयोग करता है. साथ ही वह थाइमीन की जगह यूरासिल (U) का उपयोग करता है. 
शोधकर्ताओं ने तीन उल्कापिंडों (Meteorites) के पदार्थो का परीक्षण किया. इनमें से एक 1950 में अमेरिका के पास मरे शहर के पास गिरा था. दूसरा 1969 में ऑस्ट्रेलिया के विक्सोरिया के राज्य के मर्चीसन शहर में गिरा था और तीसार साल 2000 में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत की झील टैगिश झील के पास गिरा था. सभी तीन उल्कापिंड कार्बनेशियस कॉन्ड्रइट्स (carbonaceous chondrites) या सी कॉन्ड्रइट्स की श्रेणी का माने गए हैं. 
इन सभी तीन कार्बन कॉन्ड्राइट की उत्पत्ति उन पथरीले पादर्थों से हुई थी जो सौरमंडल के शुरुआती समय में बने थे. कार्बनेशियस कॉन्ड्रइट्स (carbonaceous chondrites) या सी कॉन्ड्रइट्स कार्बन समृद्ध वे उल्कापिंड (Meteorites) हैं जहां मर्चीसन और मरे उल्कापिंड में भार के अनुसार 2 प्रतिशत जैविक कार्बन था वहीं टैगिश झीलके उल्कापिंड में 4 प्रतिशत जैविक कार्बन (Organic Carbon) था.जबकि पृथ्वी की जीवों में कार्बन एक प्रमुख और मूल घटक माना जाता है. 
डीएनए (DNA) और आरएनए (RNA) में पाए जाने वाले संपूर्ण न्यूक्लियोबेसिस (Nucleobases) की पृथ्वी से बाहर केस्रोत से आने की पुष्टि उस मत को मजबूत करती है जिसके अनुसार उल्कापिंड पृथ्वी के शुरुआती जीवों की उत्पत्ति के लिए जरूरी जैविक यौगिकों के प्रमुख स्रोत हो सकते हैं. वैज्ञानिक लंबे समय से यह जाने का प्रयास कर रहे थे कि पृथ्वी पर वे कौन से रहस्यमयी परिस्थितियां थी जब पृथ्वी पर रासायनिक पदार्थ गर्म पानी वाला हालात में एक ऐसे सूक्ष्मजीव के निर्माण का कारण बने थे जो खुद का प्रजनन कर सकता था.
शोधकर्ताओं का कहना है कि पृथ्वी (Earth) पर जीवन की उत्पत्ति से संबंधित रासायनिक चरणों के बारे में अभी कापी कुछ सीखने की जरूरत है. यह शोध केवल उन रासायनिक यौगिकों की सूची में कुछ नया जरूर जोड़ती है जिससे पृथ्वी पर जीवन के ठीक पहले की स्थितियों का पता चल सकेगा. ऐसे स्थितियों को प्री बायोटिक (Prebiotic codnitions) स्थितियां कहते हैं. वैज्ञानिकों के लिए इन स्थितियों के बारे में जीवाश्मों से भी मदद नहीं मिल पाती है. 
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