जामिया के पूर्व छात्र ने चंद्रयान-3 मिशन में निभाई अहम भूमिका

Update: 2023-08-30 14:23 GMT
 
नई दिल्ली (आईएएनएस)। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के पूर्व छात्र मोहम्मद अदनान ने अंतरिक्ष एजेंसी के ऐतिहासिक मिशन चंद्रयान-3 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोहम्मद अदनान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में 2008 से काम कर रहे हैं I
अदनान वर्तमान में इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क में वैज्ञानिक 'एफ' के पद पर कार्यरत हैं। पिछले 15 साल से अदनान इसरो से जुड़े हैं और चंद्रयान-2 और मिशन मार्स (एमओएम) की टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं।
बिहार के दरभंगा से ताल्लुक रखने वाले अदनान ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से वर्ष 2007 में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (कंप्यूटर साइंस) और वर्ष 2003 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था।
इस उपलब्धि से उत्साहित जेएमआई की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने कहा, “मुझे यह जानकर खुशी हुई कि हमारे छात्र इस क्षेत्र में इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे हमारी खुशी और बढ़ गई है। मैं अदनान को मिशन में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के लिए बधाई देती हूं। यह निश्चित रूप से हमारे मौजूदा छात्रों को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा।”
बड़ी बात है कि विश्वविद्यालय के तीन और पूर्व छात्र अमित कुमार भारद्वाज, मो. काशिफ और अरीब अहमद भी इसरो के ऐतिहासिक चंद्रयान-3 का हिस्सा थे।
अमित ने बताया, उन्होंने फरवरी 2022 में एक वैज्ञानिक के रूप में प्रतिष्ठित मैकेनिकल सिस्टम्स ग्रुप इसरो में शामिल होकर एक नए अध्याय की शुरुआत की।
वैज्ञानिक और चंद्रयान मिशन के सदस्य अमित कुमार भारद्वाज ने कहा, उन्हें चंद्रयान- 3 मिशन के लिए 'विक्रम' की सुरक्षित लैंडिंग के दौरान आवश्यक संपूर्ण नेविगेशन के लिए लेजर आधारित सेंसर के डिजाइन, विश्लेषण और कार्यान्वयन के क्षेत्र में काम करने का अवसर मिला।
अमित ने बताया कि चंद्रयान-2 की विफलता के बाद इनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई। अमित सेंसर टेक्नोलॉजी से जुड़े हैं। चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर के अंतिम अवतरण के दौरान, जिसमें रफ ब्रेकिंग और फाइन ब्रेकिंग चरण शामिल हैं, जहां वेग काफी कम होते हैं, वहां सेंसर अंतिम टचडाउन के दौरान नेविगेशन, मार्गदर्शन और जोर के नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अमित ने कहा कि यह यात्रा अकेले उनकी नहीं है। इसरो में उनका कार्य क्षेत्र व्यापक विविधता के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांडिंग के लिए एंटीना सिस्टम का डिजाइन, विश्लेषण और कार्यान्वयन है।
चंद्रयान-3 मिशन में, उनके एंटीना सिस्टमों में से एक '32 मीटर डीप स्पेस नेटवर्क एंटीना' ने 'विक्रम' लैंडर की लैंडिंग के दौरान सबसे महत्वपूर्ण समय सहित सीएच-3 मॉड्यूल को ट्रैक करने और कमांड करने में प्रमुख भूमिका निभाई।
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