ISRO ने वीनस मिशन की लॉन्चिंग तक बताया पूरा प्लान
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के सिवन (K Siwan) ने स्वीकार किया है कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के प्रभाव के चलते पिछले साल 2021 में संस्थान में बहुत कम काम हुआ
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के सिवन (K Siwan) ने स्वीकार किया है कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के प्रभाव के चलते पिछले साल 2021 में संस्थान में बहुत कम काम हुआ. खासकर पिछले कुछ महीनों में तो काम बेहद धीमी रफ्तार से चला. उन्होंने कहा कि पिछले साल लगाए लॉकडाउन का प्रभाव अब भी देखा जा रहा है क्योंकि सरकार के दिशानिर्देशों एवं नियमों का पालन करते हुए इसरो को सभी गतिविधियों की रफ्तार कम करनी पड़ी.
कैसे बनी कम काम होने की धारणा?
देश के मशहूर वैज्ञानिक सिवन ने ISRO की वेबसाइट पर अपने संदेश में लिखा, 'ऐसी भावना है कि 2021 के दौरान बहुत कम काम हुआ. यह भावना कम प्रक्षेपणों के चलते बनी. कोरोना के चलते पिछले कुछ महीनों में इसरो में काम बहुत ही धीमी गति से चला.'
बनी अगले 10 साल की रूपरेखा: सिवन
अपने संदेश में उन्होंने अपनी अंतरिक्ष एजेंसी (Space Agency) की पूरी टीम की तारीफ करते हुए कहा, 'इसरो के अध्यक्ष के नाते मुझे गर्व है कि पूरी टीम ने अभियानगत मिशन को जारी रखने, नये मिशन यानी प्रोजेक्ट्स की संकल्पना तैयार करने, कई प्रौद्योगिकीगत विकास के कामों की शुरुआत करने के साथ और अंतरिक्ष गतिविधियों के संदर्भ में अगले दशक की योजना बनाने में सराहनीय और अहम योगदान दिया है.'
न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड की कामयाबी
सिवन के अनुसार जीएसएलवी एफ 10 (GSLV F 10) मिशन क्रायोजेनिक चरण में आई खामी के चलते विफल हो गया. इस संबंध में जो राष्ट्रीय विश्लेषण समिति बनायी गयी थी उसने ऐसा होने के मूल कारणों की पहचान करते हुए अपनी सिफारिशें दी हैं.
एक साथ कई मोर्चों पर काम
उन्होंने कहा कि संबंधित प्रणाली को और दुरूस्त बनाने के लिए जरूरी डिजायन संबंधी बदलाव किये जा रहे हैं. अंतरिक्ष अनुप्रयोग क्षेत्र में इसरो ने भारत का जियो एनर्जी मैप, देश का मरूस्थलीकरण एटलस, नेशनल वाटर स्कीम के तहत जल-सूचना उत्पादों का प्रसार तैयार किया और आपदा प्रबंधन गतिविधियों में भी अहम सहयोग दिया.
सिवन ने कहा कि नौवहन क्षेत्र में 30से अधिक नैव आईसी अधारित मोबाइल भारतीय बाजार में जारी किये गये तथा सभी मोबाइल चिपसेट विनिर्माताओं ने नैवआईसी आधारित चिपसैट जारी किये हैं.
तीन नए मिशन पाइपलाइन में
उन्होंने कहा कि तीन नये अंतरिक्ष मिशनों: दिशा, शुक्र मिशन और इसरो-सीएनईएस संयुक्तमिशन 'त्रृष्णा' पर काम चल रहा है. भारत की महत्वपूर्ण गगनयान परियोजना ने अपने डिजायन चरण को पूरा कर लिया है और वह अब परीक्षण के चरण में कदम रख चुकी है.
सिवन ने कहा, 'भारत की आजादी की 75वी वर्षगांठ यानी 15 अगस्त, 2022 से पहले पहले मानवरहित मिशन को लॉन्च करने का निर्देश दिया है. इससे जुड़ी सभी टीमें इस समयसीमा को पूरा करने के लिए जी-जान से कोशिश कर रही हैं. मुझे यकीन है कि हम इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे. '