आने वाले दो सालों में अपने कुछ खास अभियानों को लेकर व्यस्त ISRO...जानें कौन से होंगे प्रमुख अभियान
इस साल अब तक अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) और यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के अलावा कई देशों ने अंतरिक्ष क्षेत्र के संबंध में नए काम किए है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यह साल अंतरिक्ष (Space) संबंधी गतिविधियों के लिए काफी चर्चा में रहा है. इस साल अब तक अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) और यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के अलावा कई देशों ने अंतरिक्ष क्षेत्र के संबंध में नए काम किए है. चीन, यूएई जैसे देशों ने मंगल (Mars) के अभियान भेजे तो वहीं ब्रिटेन ने भी अंतरिक्ष सेवाओं (Space Services) में आत्मनिर्भर बनने का फैसला किया. आने वाले दो सालों में हमें अंतरिक्ष कार्यक्रमों में तेजी देखने को मिलने वाली है. इसमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की भी प्रत्यक्ष सक्रियता दिखाई देने वाले हैं
इसरो (ISRO) इस साल उतना चर्चा में नहीं रहा, लेकिन वह आने वाले सालों में अपने कुछ खास अभियानों को लेकर जरूर वयस्त रहा. कोविड-19 (Covid-19) के चलते इसरो के कार्यक्रमों पर कुछ असर जरूर हुआ है, लकिन अगले दो सालों में इसरो के कई प्रमुख अभियानों को अमल में लाए जाने की योजना है.
इस समय इसरो (ISRO) के कार्यक्रमों में सबसे पहले RISAT-1A का प्रक्षेपण है, राडार इमेजिंग सैटेलाइट 1A. इस रिमोंट सेंसिंग सैटेलाइट (Remote sensing satellite) का उपोयग भूभागों का नक्शा बनाने और जमीन महासागरों और सतही पानी के विश्लेषण के लिए किए जाएगा. इसके अलावा यह जमीन में नमी की स्थिति का भी जायजा ले सकेगा. यह अपनी श्रेणी का छठा सैटेलाइट होगा. इसे अगले साल की शुरुआत में प्रक्षेपित किया जा सकेगा.
पिछले साल चंद्रयान 2 (Chandrayaan-2) की चंद्रमा (Moon) पर रोवर लैंडिंग (Rover Landing) सफल नहीं रही, लेकिन इसरो ने हार नहीं मानी है. चंद्रयान दो का ऑर्बिटर सफलता पूर्वक कार्य कर रहा है. लेकिन इस बार इसरो चंद्रयान 3 (Chandrayaan)-3 के जरिए चंद्रमा पर रोवर पहुंचाने की पूरी तैयारी में हैं. अगले साल की शुरुआत में ही इसरो इसे सफलता पूर्वक पहुंचाने की तैयारी में हैं.
अंतरिक्ष (Space) में भारतीय का पहुंचाने के लिए भारत का पहला अभियान गगनयान (Gaganyaan) होगा. इसकी तैयारी जोरों से चल रही है. पांच वायुसेना के पायलटों का चयन हो चुका है जिनमें से एक से तीन को अंतरिक्ष में जाने का मौका मिलेगा. गगनयान भारत का पहला ह्यूमन स्पेस फ्लाइट प्रोग्राम होगा. इसे दिसंबर 2021 में प्रक्षेपित किया जाएगा. जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री सात दिनों के लिए अंतरिक्ष में रहेंगे. इस मिशन से पहले के परीक्षण प्रक्षेपण दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 को प्रक्षेपित किए जाएंगे.
इसके अलावा इसरो (ISRO) नासा (NASA) के साथ मिलकर नासा-सरो सिंथेटिक अपर्चर राडार (NISAR) नाम का संयुक्त अभियान करेगा. यह पृथ्वी की अलोकन कक्षा में पहले डुअल फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक अपर्चर राडार होगा. यह दुनिया का सबसे महंगा अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट होगा. इसका भारत से ही प्रक्षेपण सितंबर 2022 को होगा.