मोती की खेती को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक और बड़े मोती उत्पादक किसान इच्छुक किसानों को प्रशिक्षण देने की तैयारी में

आरा में दिया जाएगा प्रशिक्षण

Update: 2021-09-16 06:40 GMT

अब ऐसा माना जाने लगा है कि परंपरागत खेती से ज्यादा मुनाफा नहीं कमाया जा सकता. ऐसे में किसान जहां गैर परंपरागत खेती की ओर ध्यान दे रहे हैं तो वहीं सरकार भी इसमें उनकी मदद कर रही है. इसी के तहत सरकार देश में मोती की खेती को बढ़ावा दे रही है. खास बात तो यह भी है कि किसान भी इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं. बिहार में मोती की खेती को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक और बड़े मोती उत्पादक किसान इच्छुक किसानों को प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रहे हैं.

आरा में दिया जाएगा प्रशिक्षण
बिहार के 40 किसानों को जिला आरा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण देने महाराष्ट्र के किसान अशोक मनवानी आएंगे. प्रशिक्षण से इन किसानों को नालंदा भेजा जाएगा जहां वे मोती की खेती देखेंगे. वहां किसानों को कुछ दिन रोका जाएगा इसकी बारीकियों से रूबरू कराया जाएगा. वहां से लौटने के बाद अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होगा.
कैसे होती है मोती की खेती
मोती की खेती अक्सर बड़े-बड़े तालाब झीलों और डैम में की जाती है. लोकिन अगर आप नई तकनीक और प्रोफेशनल तरीके से मोती की खेती करते हैं तो छोटे टैंक से शुरू की जा सकती है. खासतौर पर RAS के जरिए. इस सिस्टम के जरिए पानी रिसर्कुलेट किया जाता है.
पानी साफ रहे इसके लिए अमोनिया फिल्ट्रेशन और नाइट्राइट फिल्ट्रेशन सबका इस्तेमाल किया जाता है. छोटे स्तर से चीजें शुरू करके बड़े स्तर तक पहुंचाई जा सकती है. सीप को किसी भी तरह का न्यूट्रिशन दिया जा सकता है. जिसके लिए हाइली न्यूट्रिशन का इस्तेमाल किया जा सकता है.
इसमें एयर पंप और कई अन्य जरूरतमंद पंप लगाए जाते हैं. इस सिस्टम को सुबह 2 घंटे और शाम को 1 से 2 घंटे और दोपहर में 1 घंटे के लिए रन करते हैं. इसमें टेंपरेचर को गर्मियों और सर्दियों के हिसाब से मेंटेन किया जाता है ,जैसे एक्वेरियम में किया जाता है. छोटे स्तर पर करना चाहते हैं तो केवल 2 टैंक लगाकर भी इस खेती को शुरू किया जा सकता है. जहां 100 सीप रखी जा सकती हैं. यह काफी प्रॉफिटेबल साबित हो सकता है. लेकिन इसके लिए क्वालिटी वाला पर्ल बनाना होगा. जो कि पुराने तरीकों के मुकाबले काफी आसान है.
Tags:    

Similar News

-->