हेल्थ को लेकर जागरूक तो 'गोल्डन आवर' का मतलब जरूर जान लें, बच सकता है जान

जब किसी को हार्ट संबंधी दिक्कतें हैं तो उन्हें गोल्डन आवर के बारे में जानकारी होना आवश्यक है

Update: 2021-10-05 07:46 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कहा जाता है कि आप सेहत को लेकर जितना ज्यादा जागरुक रहते है, उतना ही बीमारियों से बच सकते हैं या फिर समय पर इलाज करवा सकते हैं. जानकारी के अभाव में कोई भी बीमारी शरीर पर ज्यादा हावी हो जाती है और आपको फिर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में एक चीज है, जिसके बारे में भी हर किसी को पता है, ताकि दिक्कत आने पर मरीज की जान बचाई जा सकती है और वो है गोल्डन आवर.

अगर गोल्डन आवर का ध्यान रखा जाए और गोल्डन आवर में ही किसी को इलाज मिल जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है. ऐसे में जानते हैं कि गोल्डन आवर क्या है और यह किस बीमारी से संबंधित है और सेहत के लिए क्यों जरूरी है…
किस बीमारी से जुड़ा है गोल्डन आवर?
यह हार्ट से जुड़ा होता है और जिन लोगों के हार्ट से जुड़ी दिक्कत हैं, उन्हें इसका खास ध्यान रखना आवश्यक है. जब किसी को हार्ट अटैक आता है तो यह गोल्डन आवर ही उस व्यक्ति की जान बचाने में अहम भूमिका निभाता है. हार्ट अटैक के मरीज को अगर गोल्डन आवर के दौरान ही सही इलाज मिल जाता है तो उसकी आसानी से जान बचाई जा सकती है.
कब होता है गोल्डन आवर?
जब किसी को भी हार्ट अटैक आता है तो वो हार्ट अटैक का पहला घंटा ही गोल्डन आवर कहलाता है और यह काफी अहम होता है. कई रिपोर्ट में सामने आया है कि हार्ट अटैक की स्थिति में किसी भी मरीज का बचना और ना बचना इस गोल्डन आवर में मिलने वाले इलाज पर ही निर्भर करता है. अगर इस वक्त सही इलाज मिल जाए तो कोई मुश्किल नहीं होती है और आसानी से इलाज हो जाता है. हालांकि, यह हर व्यक्ति की मेडिकल स्थिति पर भी निर्भर करता है.
गोल्डन आवर को सीधे शब्दों में समझें तो जैसे अगर किसी को हार्ट अटैक आए और उसी वक्त उसे हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया तो मरीज को बचाया जा सकता है. अब जानते हैं कि आखिर शुरू के एक घंटे में ही ऐसा क्या होता है मरीज को इलाज की जरूरत होती है…
क्यों जरूरी है गोल्डन आवर?
पहले आपको समझाते हैं कि आखिर हार्ट अटैक क्यों आता है. हार्ट को जो धमनियां ब्लड सप्लाई करती हैं, वो तीन होती हैं. एक दाहिने साइड होती है और दो बाईं तरफ होती है. उन धमनी में अगर खून का थक्का जम जाता है और मसल में ब्लड सप्लाई रुक जाती है तो उसे हार्ट अटैक कहा जाता है. इसके बंद होने से हार्ट का फंक्शन बिल्कुल बंद हो जाता है और फर्स्ट ऑवर में जो डेथ होती है वो एरिदमिया की वजह से होती है और सबसे ज्यादा मौत इसकी वजह से होता है. इसके लिए प्राइमेरी एंजियोप्लास्टी करनी होती है. ऐसे में अगर इस फर्स्ट आवर में इलाज मिल जाए तो बचने की संभावना बढ़ जाती है.
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