कैसे पैदा होते हैं गामा विकिरण प्रस्फोट, अब तक देखा गया सबसे छोटा GRB

एक बड़ी खोज के तहत नासा ने खगोलीय इतिहास में सबसे छोटे गामा विकिरण प्रस्फोट देखे हैं

Update: 2021-07-28 11:11 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| एक बड़ी खोज के तहत नासा ने खगोलीय इतिहास में सबसे छोटे गामा विकिरण प्रस्फोट (Gamma Ray Burst) देखे हैं. यह परिघटना नासा के फर्मी गामा रे स्पेस टेलीस्कोप ने तब देखी जब उसने विलय होते तारों से निकली ऊर्जावान विकरणों को तेजी से पृथ्वी की ओर आते देखा. खोजकर्ताओं की टीम में भारतीय खगोलविद भी शामिल थे. यह पहली बार है कि खगोलविदों ने इतना छोटा प्रस्फोट देखा है. इसे बहुत अहम खोज माना जा रहा है.

यह प्रस्फोट नासा के फर्मी गामा रे स्पेस टेलीस्कोप ने 26 अगस्त 2020 को अवलोकित किया था. यह किसी मरते हुए तारे द्वारा उत्सर्जित सबसे छोटा गामा विकिरण प्रस्फोट है जो एक सेकेंड से भी कम समय तक चला. इससे छोटा प्रस्फोट हमारे वैज्ञानिकों ने अब तक अवलोकित नहीं किया था.

भारतीय खगोलविद भी थे इस अध्ययन में शामिल

लास वेगास की यूनिवर्सिटी ऑफ नवेदा, और चीन में नैनजिंग यूनिवर्सिटी के अलावा इस काम में इंटरयूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स पुणे (IUCAA), पुणे के टाटा इस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स (NCRA) और आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने भाग लिया था.

मरते हुए तारे भी पैदा कर सकते हैं ऐसे प्रस्फोट

नैनजिंग यूनिवर्सिटी और नवेदा यूनिवर्सटी के बिन बिन झांग का कहना है कि इस घटना ने दर्शाया है कि मरते हुए तारे भी छोटे प्रस्फोट पैदा कर सकते हैं. नासा के मुताबिक छोटे प्रस्फोट तब पैदा होते हैं जब न्यूट्रॉन तारों जैसे सघन पिंडों का जोड़ा अरबों सालों से सर्पिल आकार में अंदर की ओर आ रहा हो और टकरा जाए.

उत्पत्ति के बारे में भी मिली जानकारी

झांग का कहना है कि यह गामा विकिरण प्रस्फोट खास है क्योंकि यह निश्चित तौर पर एक छोटी अवधि का गामा विकिरण प्रस्फोट है. लेकिन इसकी अन्य विशेषताएं इसकी उत्पत्ति टकराते तारे से होना बता रही हैं. अब हम यह जान चुके हैं कि मरते हुए तारे भी छोटे प्रस्फोट पैदा कर सकते हैं.

सबसे ऊर्जावान छोटा प्रस्फोट

यूनिवर्सिटी ऑफ मैरिलैंड कॉलेज पार्क और मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट स्थित नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के पीएचडी छात्र थॉमस अहुमादा बताते हैं कि इस प्रस्फोट ने उसी समय में जब पूरी मिल्की वे गैलेक्सी जितना उत्सर्जन करती है, उतनी ही ऊर्जा एक छोटे से प्रस्फोट ने कर दी है. यह अब तक का देखा गया सबसे ऊर्जावान कम अवधि का गामा विकिरण प्रस्फोट है.

एक तीखा विस्फोट

इस प्रस्फोट को GRB 200826A नाम दिया गया है. इस घटना को केवल 065 सेकेंड में ही होने वाले तीखे विस्फोट के तौर पर रिकॉर्ड किया गया था. फैलते ब्रह्माण्ड में काफी समय तक यात्रा कनरे के बाद इन संकेतों को फर्मी टेलीस्कोप के गामा रे बर्स्ट मॉनिटर ने पकड़ा था. यह नासा के विंड मिशन मार्स ओडिसी, और यूरोपीय स्पेस एजेंसी के इंटीग्रल सैटेलाइट ने भी देखा था.

कैसे पैदा होते हैं गामा विकिरण प्रस्फोट

नासा के मुताबिक जब एक सूर्य से भी बड़े तारे का ईंधन खत्म हो जाता है. उसकी क्रोड़ खत्म हो जाती है और एक ब्लैक होल का रूप ले लेती है. जैसे ही पदार्थ घूम कर ब्लैक होल की ओर जाने लगता है, उसमें से कुछ पदार्थ निकल कर दो शक्तिशाली जेट बना देता है जो दो विपरीत दिशा में लगभग प्रकाश की गति के जितनी तेजी से निलकते हैं. हर जेट तारे से निकल कर गामा विकरण के पल्स के रूप में निकली.

यह गामा विकिरण प्रस्फोट तब निकला जब एक जेट की दिशा पृथ्वी की ओर थी. इस विस्फोट के बाद तारे में सुपरनोवा के रूप में विस्फोट हुआ. एक छोटा गामा विकिरण प्रस्फोट दो सेकेंड से कम समय तक होता है, जबकि बड़े गामा विकिरण प्रस्फोट दो सेकेंड से ज्यादा के होते हैं.

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