मंगल ग्रह की Hope प्रोब ने लिया तस्वीर...UAE के शाह ने किया ट्वीट

संयुक्त अरब अमीरात ने रविवार को मंगल ग्रह का चक्कर काटने वाले होप प्रोब की ली गई

Update: 2021-02-14 14:17 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: दुबई: संयुक्त अरब अमीरात ने रविवार को मंगल ग्रह का चक्कर काटने वाले होप प्रोब की ली गई पहली तस्वीर प्रकाशित की है। बुधवार को ली गई तस्वीर में मंगल की सतह से सूरज की रोशनी निकलती दिख रही है। इसमें मंगल का उत्तरी ध्रुव और मंगल की सबसे बड़ी ज्वालामुखी ओलिम्पस मून्स नजर आ रही है। यह तस्वीर अमल और होप अंतरिक्ष प्रोब द्वारा ली गई है। प्रोब मंगलवार को मंगल की कक्षा से होकर गुजरा और यह तस्वीर अरब के लिए बड़ी बात है। इस तस्वीर को अबूधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने ट्विटर के जरिए शेयर किया है।

यूएई के अंतरिक्षयान का मकसद जानिए
यूएई का होप यान अगले कुछ महीने तक मंग्रल ग्रह के वातावरण का अध्‍ययन करेगा। यूएई के इस मिशन का लक्ष्य मंगल ग्रह के पहले ग्लोबल मैप को तैयार करना भी है। ये मिशन इसलिए खास है क्योंकि इससे पहले के रोवर मंगल के चक्कर ऐसे काटते थे कि वह दिन के सीमित वक्त में ही उसके हर हिस्से को मॉनिटर कर पाते थे। इससे अलग होप का ऑर्बिट अंडाकार है जिसे पूरा करने में इस रोवर को 55 घंटे लगेंगे। इसकी वजह से यह मंगल के हिस्सों पर दिन और रात में ज्यादा समय के लिए नजर रख सकेगा। मंगल के एक साल में यह हर हिस्से पर पूरे दिन नजर रखेगा।


दुनिया में मंगल ग्रह के लिए छिड़ी रेस
यूएई इस प्रोजेक्ट को अरब के युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत के रूप में भी पेश करना चाहता है। उधर, वैज्ञानिकों का कहना है कि यूएई, अमेरिका और चीन के यान का मंगल तक पहुंचना दुनिया में बढ़ती रेस को दर्शाता है। उन्‍होंने कहा कि दुनिया की महाशक्तियां धरती के बाद अंतरिक्ष में अपना दबदबा स्‍थापित करना चाहती हैं। उन्‍होंने कहा क‍ि एक महीने के अंदर तीन अंतरिक्ष यान का मंगल की कक्षा की ओर पहुंचना अप्रत्‍याशित है। इन सब यानों से हमारी मंगल ग्रह के बारे में जानकारी बढ़ेगी।

मंगल की धरती पर आजतक अमेरिका ही पहुंच सका

अभी तक अमेरिका ही एकमात्र ऐसा देश है जिसने मंगल पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारा है और उसने यह कमाल आठ बार किया। नासा के दो लैंडर वहां संचालित हो रहे हैं, इनसाइट और क्यूरियोसिटी। छह अन्य अंतरिक्ष यान मंगल की कक्षा से लाल ग्रह की तस्वीरें ले रहे हैं, जिनमें अमेरिका से तीन, यूरोपीय देशों से दो और भारत से एक है। मंगल ग्रह के लिये चीन ने अंतिम प्रयास रूस के सहयोग से किया था, जो 2011 में नाकाम रहा था।


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