जानवरों के बीच 'गैंग वॉर', गोरिल्लाओं को मारकर उनकी लाश खा रहे चिम्पांजी, वैज्ञानिकों ने बताया कारण

अफ्रीकी देश गैबॉन से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है

Update: 2021-07-22 14:04 GMT

Chimpanzee Gorilla Gang War: अफ्रीकी देश गैबॉन से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां के लोआंगो नेशनल पार्क में चिम्पांजी और गोरिल्लाओं के बीच जंग देखी जा रही है. चिम्पांजी गोरिल्लाओं (Chimpanzee Gorilla Fight) पर हमला कर उन्हें मारकर खा रहे हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि वैज्ञानिक समुदाय में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है. ओस्नाब्रुक विश्वविद्यालय और मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने दो घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये सब खाने को लेकर जारी लड़ाई के कारण हो रहा है. जो जलवायु परिवर्तन की वजह से कम हो गया है.

शोधकर्ताओं ने एक प्रेस रिलीज भी जारी की है (Chimpanzee Attacks Gorilla). इसमें उन्होंने बताया कि हमलों से पहले साल 2014 से 2018 के बीच ऐसा कम देखा गया था, तब चिम्पांजी और गोरिल्ला एक दूसरे के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रह रहे थे. लेकिन 2019 में चिम्पांजी ने दो बार गोरिल्लाओं पर हमला किया. इनमें से एक लड़ाई 124 मिनट तक चली, जो दो गोरिल्ला की मौत के बाद खत्म हुई. वहीं दूसरी घटना में गोरिल्ला के बच्चे की मौत हो गई, जिसे चिम्पांजी मादा ने खा लिया.
खाने को लेकर बढ़ी प्रतियोगिता
मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी में प्राइमेटोलॉजिस्ट टोबियास डेक्नर ने एक बयान में कहा, 'ऐसा हो सकता है कि लोआंगो नेशनल पार्क में रहने वाले चिम्पांजी, गोरिल्ला और हाथियों के बीच खाने को लेकर प्रतियोगिता बढ़ रही है. ऐसे में चिम्पांजी और गोरिल्लाओं के बीच लड़ाई भी देखने को मिलती है.' खाने को लेकर जारी लड़ाई के पीछे का कारण जलवायु परिवर्तन भी है (Chimpanzee and Gorilla Fight). फलों की उपलब्धता में गिरावट आ रही है, ऐसा गैबॉन के अन्य उष्णकटिबंधीय जंगलों में भी देखा गया है.
2019 में हुई हैं घटनाएं
अपनी रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने कहा कि एक बार चिम्पांजी और गोरिल्लाओं के बीच 52 मिनट तक लड़ाई चली थी. 27 चिम्पांजी ने पांच गोरिल्लाओं पर हमला कर दिया. गोरिल्ला चिल्ला रहे थे (Chimpanzee vs Gorilla Fight). अब चिम्पांजी गोरिल्लाओं पर हमला कर उन्हें खा रहे हैं. एक दूसरी घटना 11 दिसंबर, 2019 को 72 मिनट तक चली थी. इस तरह की घटनाओं का अध्ययन किया गया. जिसके बाद पता चला कि ये सब खाने की कमी के कारण हो रहा है. जलवायु परविर्तन के कारण ये संकट काफी बढ़ गया है.


Tags:    

Similar News

-->