पृथ्वी से 1.63 लाख प्रकाशवर्ष दूर स्थित गैलेक्सी में हो सकता है 5 गुना ज्यादा Dark Matter, जानें इसकी वजह

वैज्ञानिकों को एक गैलेक्सी Tuscana II में कुछ अजीब सा देखने को मिला है।

Update: 2021-02-03 03:33 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: केंब्रिज |   वैज्ञानिकों को एक गैलेक्सी Tuscana II में कुछ अजीब सा देखने को मिला है। इसके सितारे गैलेक्सी के केंद्र से दूर किनारे की ओर हैं। जिस तरह ये गैलेक्सी के गुरुत्वाकर्षण के कारण इसमें बंधे हुए हैं, वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके अंदर दरअसल डार्क मैटर है और उसी का असर है कि 1.63 लाख प्रकाशवर्ष दूर इस गैलेक्सी में ये अजीबोगरीब नजारा देखने को मिल रहा है।   

माना जाता है कि ब्रह्मांड का 85% हिस्सा डार्क मैटर (Dark Matter) ही है। Tuscana II से पहली बार ऐसे संकेत मिले हैं कि इसमें डार्क मैटर इस तरह से हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि पहले इसका जितना द्रव्यमान (Mass) माना जाता था, दरअसल, उससे तीन से पांच गुना ज्यादा है।  
रिसर्च में क्या मिला?
Tuscana II जैसी ब्रह्मांड की शुरुआती गैलेक्सी पर की गई मैसेच्यूसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (MIT) की रिसर्च से संकेत मिले हैं कि पहले बनीं गैलेक्सीज में डार्क मैटर ज्यादा रहा होगा। MIT के ग्रैजुएट छात्र अनिरुद्ध चीति ने बताया है, 'जितना द्रव्यमान Tuscana II में हमें लग रहा था, इतनी दूर स्थित सितारों को बांधे रखने के लिए उससे कहीं ज्यादा (द्रव्यमान) है।' इसका मतलब है कि ऐसी दूसरी गैलेक्सीज में भी ऐसा डार्क मैटर होगा।
इस रिसर्च के आधार पर यह भी माना जा रहा है कि यह गैलेक्सी ब्रह्मांड में सबसे पहले हुईं विलय की घटनाओं में से एक का नतीजा रही होगी। जिन दो गैलेक्सी की टक्कर हुई होगी, उनमें से एक ज्यादा पुरानी और एक थोड़ी पुरानी रही होगी। इसके नतीजतन सितारे बाहर की ओर ज्यादा फैले हैं।


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